मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के बाद अब बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। सूत्रों की मानें तो सरकार ने इस कवायद को अंजाम देने के लिए 200 अफसरों की टीमें बनायी हैं।
इन टीमों के टार्गेट में प्लॉट, फ्लैट, दुकान,स्कूल-कालेजों की जमीन, व्यवसायिक जमीनें रहेंगी। सरकार के इस तरह ही सर्जिकल स्ट्राइक की खबर के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है कि अगर सरकार ने जमीन मालिकों पर शिकंजा कसना शुरू किया तो उन्हें कैसी सजा भुगतनी पड़ेगी।
कहीं जमीन तो जब्त नहीं हो जाएगी। ये खौफ आपको रजिस्ट्री दफ्तरों में दिखने लगा है। नोटबंदी के बाद से ही बीते आठ दिनों में स्थायी प्रापर्टी जैसे मकान, दुकान या जमीनों की खरीद फरोख्त में 75 से 80 फीसदी की कमी आई है।
आय से ज्यादा संपत्ति इकट्ठा करने वाले कालेधन को मकान या प्लाट में निवेश करना सुरक्षित नहीं मान रहे। यहां तक कि लोग पैतृक संपत्ति की भी रजिस्ट्री कराने के बजाय वसीयत कराने में लगे हैं।