मध्यप्रदेश के मंदसौर और टीकमगढ़ जिले में ऐसे मंदिर हैं, जहां मन्नत मांगने हर मुराद पूरी हो जाती है। मंदसौर में मौजूद बाप्पा के द्विमुखी गणेश मंदिर में लोग, बच्चों के एडमिशन, पढ़ाई, नवयुवक रोजगार और नवयुवतियां विवाह से संबंधित मनोकामनाएं मांगती हैं।
कहा जाता है कि टीकमगढ़ जिले में हनुमान जी के मंदिर में भी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मान्यताएं यूं ही नहीं बनीं, बल्कि यहां आने वाले लोगों को मुराद जब पूरी हो जाती है तो वह और लोगों से भी चर्चा करते हैं।
फलस्वरूप यहां आने वाले भक्तों का तांता वर्षभर लगा रहता है। टीकमगढ़ के नजदीकी गांव में मौजूद बजरंगबली का यह मंदिर बिना छत, बिना दीवारों का बना है। पीपल के नीचे बने इस मंदिर में भक्तों की आस्था औऱ विश्वास का दीपक हमेशा प्रज्वलित रहता है।
मप्र के अलावा गुजरात में भी ऐसा ही एक मंदिर है जहां लोगों के अनुसार उनकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। यह मंदिर भगवान दत्तात्रेय का है। भगवान दत्तात्रेय त्रिदेव के अवतार बताए गए हैं।
मान्यता है कि यदि कोई भक्त इस मंदिर में 52 गुरुवार तक मूंगफली और गुड़ का प्रसाद अर्पित करे और मंदिर में ही कुछ समय तक भगवान दत्तात्रेय का ध्यान करे तो वह उस भक्त की मुराद जरूर पूरी करते हैं।
अमूमन यहां बेरोजगार लोग आते हैं। कहते हैं कुछ समय बाद उन्हें बेरोजगारी से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन यह तभी होती है जब भक्त पूरी आस्था और विश्वास के साथ भगवान दत्तात्रेय का ध्यान करता है।