प्रतिबंध के बावजूद उत्तराखंड सरकार की आंख के नीचे गंगा और यमुना में बदस्तूर खनन जारी है। छोटी-छोटी नदियों और नालों की तो गिनती ही नहीं है। अकेले हरिद्वार की बात की जाए तो 18 साल से मातृसदन और अन्य सामाजिक संगठनों के गंगा में खनन के विरोध के बावजूद शासन-प्रशासन जिले में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति देता जा रहा है।
जिले में इस समय 67 क्रशर दिन-रात चल रहे हैं। 10 लोगों ने आवेदन किया हुआ है। ये संख्या तो वैध क्रशरों की है इनकी आड़ में चलने वाले अवैध क्रशरों की तो गिनती ही नहीं है। विकासनगर के आसन वेटलैंड कंजरवेशन रिजर्व के 10 किमी के दायरे में हाईकोर्ट ने यमुना में किसी भी प्रकार के खनन पर रोक लगाई है, लेकिन खनन माफिया यहां दिन-रात यमुना का सीना चीर रहा है। जिससे यमुना में कई जगहों पर गहरी खाइयां बन गई हैं। यमुना की जैव विविधता पर बुरा असर पड़ रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि जिम्मेदार महकमों की खामोशी हैरान करने वाली है।
मार्च 2016 में स्वामी शिवानंद का अनशन तुड़वाने के लिए शासन ने रायवाला से भोगपुर तक 22 खनन पट्टों पर रोक लगा दी थी। उसके बाद से उम्मीद जगी थी कि अब क्षेत्र में काफी हद तक अवैध खनन पर रोक लग जाएगी लेकिन, कुछ नहीं हुआ। क्षेत्र में खनन बदसूरत जारी है। गंगा और इसकी सहायक नदियों से दिनरात माफिया अवैध खनन कर रहे हैं। जिले के 67 स्टोन क्रशरों पर खनन सामग्री के ढेर लगे हुए हैं। गौर करने वाली बात यह है कि गंगा में खनन का विरोध होने के बाद भी सरकार ने पिछले दो वर्षों में 25 क्रशर लगाने की अनुमति दी। 10 लोग कतार में हैं। इनकेआवेदन पत्र प्रशासन को मिले हुए हैं। जबकि जिले में खनन पट्टे केवल 40 ही हैं। इतनी क्रशरों की संख्या और इतने कम पट्टे साफ दर्शाते हैं कि गंगा में अवैध खनन रुकने वाला नहीं है।
हरिद्वार में पिछले सात महीनों में अवैध खनन में पकड़े गए 726 वाहन, एक करोड़ 33 लाख 85 हजार 750 रुपये जुर्माना वसूला गया।
‘जिला प्रशासन अवैध खनन रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क है। इस दिशा में कार्रवाई की जा रही है। स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति शासन स्तर से दी जाती है। शासन के निर्देशों पर ही इस संबंध में कार्रवाई की जाती है। आगे भी अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।’
– हरबंस सिंह चुघ, जिलाधिकारी हरिद्वार
डाकपत्थर से लेकर रामपुर मंडी तक प्रतिबंधित 10 किमी के दायरे में रोजाना सैकड़ों की संख्या में खनन माफिया की ट्रैक्टर ट्राली और डंपर नदी में खनन के लिए उतरते हैं। एक मोटे अनुमान के हिसाब से यहां रोजाना 100-120 ट्रैक्टर ट्राली अवैध होता है।
यमुना की जैव विविधता के चलते बीते कुछ सालों में साइबेरिया सुर्खाब पक्षी आसन वेटलैंड के साथ ही यमुना के 10 किमी दायरे में जहां-तहां दिखाई देते थे, लेकिन यमुना में हो रहे बेतरतीब खनन के चलते इस साल यह पक्षी आसन झील तक ही सिमट कर रह गए हैं। जिला प्रशासन ने क्षेत्र में करीब 10 लोगों को भंडारण की अनुमति दी हुई है। इन्हीं भंडारण से जारी रवन्नों की आड़ में अवैध खनन को वैध बनाया जा रहा है। खनन माफिया जगह-जगह से उपखनिजों का चुगान करता है और भंडारणकर्ता से रवन्ना हासिल कर अवैध खनन को वैध बना लेता है, वहीं नियमों के मुताबिक भंडारण में एक सीमित मात्रा में स्टाक होता है, जो बिक्री के साथ कम होना चाहिए, लेकिन क्षेत्र के भंडारणों में हमेशा रेत, बजरी और पत्थरों के ढेर लगे रहते हैं। यह उपखनिज भी अवैध खनन कर यहां लाया जाता है।
अवैध खनन की शिकायत पर कई बार छापेमारी की गई, लेकिन खनन माफिया का सूचना तंत्र सक्रिय होने के कारण कार्रवाई प्रभावित होती है। खच्चरों और घोड़ो से अवैध खनन करने वालों पर नकेल कसने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। गौहरीमाफी क्षेत्र में अवैध खनन में लिप्त एक ट्रैक्टर को सीज किया गया है।
– नत्थीलाल उनियाल, थानाध्यक्ष रायवाला
अवैध खनन की जानकारी नहीं है। रात में हो रहे अवैध खनन पर निगरानी के लिए टीम बनाकर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। गंगा की कुछ सीमा पार्क और सिंचाई विभाग की है।
– दिनेश प्रसाद, वनक्षेत्राधिकारी, हरिद्वार रेंज राजाजी टाईगर रिजर्व
श्यामपुर में नदी-नालों-खालों से दिनरात अवैध खनन हो रहा है। चकजोगीवाला, साहबनगर से सटी सौंग नदी में दिनरात दर्जनों ट्रैक्टर-ट्राली खनिज सामग्री का अनधिकृत रुप से चुगान कर रहे हैं। यही नहीं नदी पार कर टाईगर रिजर्व पार्क क्षेत्र में अवैध खनन बेरोकटोक हो रहा है, लेकिन इस पर शिकंजा कसने वाले गहरी नींद में हैं। उधर खदरी गांव से सटी गंगा में भी जमकर अवैध खनन हो रहा है। लक्कड़घाट और विस्थापित क्षेत्र अवैध खनन का अड्डा बन गया है। श्यामपुर में बंगाला नाला, स्वेला नाला, गढ़ीमयचक से सटे जंगलों, भट्टोंवाला, गुमानीवाला और मंसादेवी क्षेत्र से सटे जंगलों से दिन रात खनन हो रहा है।
क्षेत्र में भंडारण का लाइसेंस किसी के पास नहीं है। अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को वह क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर निरीक्षण करेंगे। बिना लाइसेंस कोई भी भंडारण नहीं कर सकता है।
– केएस सलार, खनन निरीक्षक