हरिनगर गांव: बैंक ही नहीं तो कैसे मिले नई करेंसी

मध्य प्रदेश: यहां के गांव को सीनियर भाजपा लीडर और राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने गोद लिया है.
थांदला तहसील से करीब 25 किलोमीटर दूर बसे हरिनगर गांव को राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है. नोटबंदी के बाद जहां शहर में बसे लोग तक परेशान हो रहे हैं, वहीं इस गांव में तो लोग बैंक ही नहीं होने की समस्या के कारण बेहाल हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना के तहत 2200 की आबादी वाले इस गांव में 1200 से ज्यादा जनधन खाते हैं. ऐसे में 8 नवंबर की रात से पुराने नोट बंद होने के बाद बैंक खाते होने के बावजूद ग्रामीण बेबस हैं.
यूं तो गांव से करीब छह किलोमीटर दूर काकनवानी में नर्मदा-झाबुआ ग्रामीण बैंक की शाखा है. लेकिन आए दिन यहां लिंक फेल होने की वजह से बैंकिंग का काम प्रभावित होता है.

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बैंक अफसरों के मुताबिक, बीएसएनएन की कनेक्टिविटी ठीक नहीं होने की वजह से रोजमर्रा का काम भी ठीक तरीके से करने में बड़ी दिक्कतें होती हैं.
ऐसे में मजबूर ग्रामीणों को पुराने नोट बदलने और नए नोट हासिल करने के लिए जनपद मुख्यालय थांदला जाना पड़ता है. थांदला से आदर्श गांव की दूरी करीब 25 किलोमीटर है.

लीड बैंक मैनजर अरविंद कुमार शाखा खोलने के नियमों का हवाल दे रहे हैं. अरविंद कुमार के मुताबिक, शाखा खोलने के लिए 5000 हजार की आबादी जरूरी है.
लीड बैंक मैनजर का कहना है कि फिर भी वे ग्रामीणों की सुविधा के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे. साथ ही आदर्श ग्राम में जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए सांसद प्रभात झा से अनुरोध भी करेंगे.

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