बोधगया के महाबोधि मंदिर में गुरुवार को तय समय 8 बजे को भगवान बुद्ध के दर्शन और पूजन के लिए दलाई लामा पहुंच चुके हैं। बड़ी संख्या में पहले से ही वहां लोग पहुंचे हुए हैं। बम ब्लास्ट के बाद पहली बार दलाई लामा बोधगया पहुंचे हैं।बतादें कि तिब्बत की आजादी के लिए दशकों से संघर्ष कर रहे बौद्ध के शीर्ष धर्मगुरु दलाई लामा यहां पर महाबोधि मंदिर में विश्वशांति की कामना करेंगे।
वे महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में जाकर भगवान बुद्ध का दर्शन करने कर विश्वशांति की प्रार्थना करेंगे। दलाई लामा की विश्वशांति की प्रर्थना के साथ बम धमाके का दंश झेल रहे बोधिवृक्ष की पीड़ा दूर कम होगी। उनके आगमन को लेकर महाबोधि मंदिर की सुरक्षा और चौकस कर दी गयी है।
बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की टीम लगातार जांच कर रही। वहीं मंदिर सुरक्षा में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। बोधगया आगमन को लेकर भारतीय खुफिया व सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। तिब्बत की आजादी की लड़ाई लड़ रहे दलाई लामा दशकों से चीन के निशाने पर हैं।
सूत्रों के अनुसार एंजेसियों का मानना है कि चीनी श्रद्धालु के रूप में चीनी खुफिया एजेंसी के लोग कुछ गड़बडी करने का प्रयास कर सकते हैं। इसलिए चीनी श्रद्धालुओं पर विशेष नजर है। कालचक्र पूजा के दौरान जमीन से लेकर आसमान तक तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था होगी।
खास बात यह है कि अन्य किसी भी साल कालचक्र पूजा में इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी। हाल के वर्षों में भारत-चीन के संबधों में आई तल्खी और बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के चीन के निशाने पर होने के कारण बोधगया में हाई सक्यिूरिटी है। दलाई लामा से मिलने के लिए भी श्रद्धालुओं को सुरक्षा व खुफिया तंत्र के कई घेरों से गुजरना होगा।