भैरम प्रतिमा चोरों के सुराग पर इनाम की घोषणा की तैयारी

दंतेवाड़ा। ब्यूरो। जिला मुख्यालय के भैरम मंदिर से चोरी गए प्रतिमाओं का अब तक पता नहीं चल पाया है। अब पुलिस मूर्ति चोरों की गिरफ्तारी करवाने या सुराग देने वालों को इनाम देने की तैयारी कर रही है। ताकि चोरों तक पहुंचकर मूर्तियों को वापस लाया जा सके। चार माह में पुलिस फोन कॉल खंगालने के साथ ही कोलकाता और शिवरीनारायण के मूर्ति चोरों से भी पूछताछ कर चुकी है।

जिला मुख्यालय में नदी उस पार स्थित भैरम बाबा मंदिर और नदी तट पर स्थित अन्य मंदिर से भैरव देव (नटराज) की दो प्रतिमाओं को अज्ञात चोरों ने जुलाई माह के पहले सप्ताह में पार कर दिया है। जांच में जुटी पुलिस को इस संबंध में अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। चोरों तक पहुंचने पुलिस में भारी मशक्कत करते टीम बिलासपुर के शिवरीनारायण और ओडिसा के मूर्ति चोरों तक से पूछताछ की।

इसके अलावा टीम ओडिशा और तेलंगाना भी गई थी लेकिन कोई सफलता नहीं मिल रही है। निराश पुलिस अब चोरों पर इनाम रखने की तैयारी में है। इसके लिए शीघ्र ही प्रचार-प्रसार किया जाएगा और चोरी का सुराग देने वालों को इनाम भी दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि इसी साल जुलाई के 7-8 तारीख की दरम्यानी रात अज्ञात चोरों ने भैरम मंदिर में स्थापित करीब ढाई फीट ऊंची नट भैरव की प्रतिमा के साथ एक अन्य खंडरनुमा मंदिर से टुंडाल भैरव (नटराज के रौद्र रुप नरमुंड मालाओं वाली) की प्रतिमा को चुरा ले गए। इसकी जानकारी के बाद टेंपल कमेटी और पुजारियों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

फोन और कैमरे ट्रेस किए गए

मूर्ति

बोलेरो में मूर्ति ले जाने की आशंका

चोरी गई दोनो प्रतिमाएं पुरातत्व महत्व की है। जिसे ले जाने चोरों ने बोलेरो वाहन का उपयोग किया था। तब मौके पर पहुंची पुलिस को टुंडाल भैरव मंदिर के पास वाहन के चक्कों के निशान स्पष्ट मिले थे। पुलिस वहां से चक्कों के निशान वाली मिट्टी को भी सुरक्षित रखवाया था।

मोबाइलचोरी की रात मंदिर क्षेत्र में हुए फोन कॉल के नंबरों को पुलिस ने ट्रेस करने के साथ शहर में लगे हाई सेंसटिव कैमरे को भी खंगाला था। ताकि मूर्ति चोरों तक पहुंचने कोई सुराग मिल सके। संदेह के आधार पर कुछ फोन नंबर के उपभोक्ताओं की पड़ताल भी की गई थी लेकिन चार माह बाद भी चोर पुलिस पकड़ से बाहर हैं।

सातवीं-आठवीं शताब्दी की प्रतिमाएं

जानकारों के अनुसार चोरी गई प्रतिमाए सातवीं-आठवीं शताब्दी करीब 800 साल पुरानी है। काले ग्रेनाइट पत्थर बनी प्रतिमाओं की अंतरराष्ट्रीय कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। वहीं पुजारियों का कहना है कि नट भैरव पर आम लोगों के साथ तांत्रिकों का ज्यादा विश्वास होता है। तंत्र-मंत्र पूजा-पाठ में नट भैरव की पूजा की जाती है। इसलिए संभावना जताई जा रही है चोरी में अंतरराष्ट्रीय गिरोह या फिर कोई तांत्रिक का हाथ हो सकता है।

पूर्व भी गायब हुई थी प्रतिमा

स्थानीय जानकारों के अनुसार करीब दो दशक पहले प्रशासनिक अधिकारी और तात्कालिक अपर कलेक्टर के दिशा निर्देश पर नट भैरव प्रतिमा को मंदिर से ले जाने का प्रयास किया गया था। तब ग्रामीणों की सजगता व विरोध से कुछ दिन बाद वापस मंदिर में प्रतिमा रखवा दी गई। तब अधिकारी ने कहा था कि पुरातात्विक महत्व की प्रतिमा होने से उसे पुरातत्व विभाग को सौंपने ले जा रहे थे।

इनका कहना है

”भैरम मंदिर से चोरी गई प्रतिमाओं की पतासाजी की जा रही है। अब मूर्ति चोरों को पकड़वाने के लिए इनाम घोषित किया जाएगा। इस संबंध में अधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है।

Check Also

मंत्रिमंडल में फेरबदल: नई मंत्रिपरिषद में भी 11 महिलाओं के होने की उम्मीद

मंत्रिमंडल में फेरबदल: नई मंत्रिपरिषद में भी 11 महिलाओं के होने की उम्मीद

केंद्रीय मंत्रिपरिषद, जिसे आज शाम नए लोगों के शपथ ग्रहण के साथ विस्तारित किया जाएगा, …