फ्रांस ने भारत पर हमला करने वाले आतंकी संगठनों के पनाहगाह पाकिस्तान और जैश-ए-मोहम्मद सरगना को बचाने वाले चीन पर जमकर निशाना साधा है। बुधवार को फ्रांस के विदेश मंत्री जीन मार्क आयरॉल्ट ने भारत पर हमला करने वाले लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने पर जोर दिया है।
साथ ही परोक्ष रूप से चीन को नसीहत देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल कराने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया। फ्रांस के विदेश मंत्री ने मसूद अजहर को सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल कराने की भारत की कोशिशों में अड़ंगा लगाने वाले चीन पर भी बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता एक समान होनी चाहिए। उन्होंने उड़ी सैन्य कैंप में आतंकी हमले के बाद सितंबर में भारत की ओर से सीमा पार एलओसी पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक को बिल्कुल सही बताया। फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे खतरे के मद्देनजर एक देश को अपनी सुरक्षा का अधिकार है। वाइब्रेंट गुजरात समिट में हिस्सा लेने भारत आए आयरॉल्ट ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘फ्रांस उड़ी हमले समेत भारत के खिलाफ सभी आतंकी हमलों की स्पष्ट तौर पर कड़ी निंदा करता है और आतंकवाद से निपटने में भारत के साथ मजबूती से खड़े होने की प्रतिबद्धता दोहराता है।
मसूद मामले में फ्रांस ने चीन की आलोचना की
हम खासतौर से भारत को निशाना बनाने वाले लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत निर्णायक कार्रवाई चाहते हैं।’ बिना नाम लिए पाक को कड़ी नसीहत देते हुए फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को प्रभावशाली ढंग से लड़ना चाहिए। किसी भी देश को अपने क्षेत्र में आतंकवाद को पनपने नहीं देना चाहिए। फ्रांस ने कहा कि वह पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल कराने में भारत की पूरी मदद करेगा। फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में चीन का नाम लिए बिना कहा कि मसूद मामले में भारत की कोशिश में अड़ंगा लगाने की वह कड़ी आलोचना करते हैं। हमारे संयुक्त प्रयासों और समिति से मिले पूरे समर्थन के बावजूद इस मुद्दे पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई। उन्होंने कहा कि मसूद मुद्दे पर भारत की ओर से ठोस सबूत भी पेश किए हैं। आयरॉल्ट ने कहा कि मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराना उनके द्विपक्षीय एजेंडे में है। लिहाजा वह इस दिशा में कदम उठाने के लिए भारत के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि मसूद के मुद्दे पर फ्रांस न सिर्फ भारत का समर्थन किया है, बल्कि इसका सह-प्रस्तावक भी है।