मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर महागठबंधन को लेकर जयादा उत्साह नहीं दिखाया अखिलेश ने महागठबंधन को लेकर गोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि इस पर फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष (मुलायम सिंह यादव) लेंगे.
बातचीत के दौरान अखिलेश महागठबंधन को लेकर दुविधा में दिखे. उन्होंने कहा कि महागठबंधन को लेकर पार्टी फोरम में चर्चा होनी चाहिए. मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा इस बारे में उनकी नेताजी से बात हुई है और जो भी उनके विचार हैं वह पार्टी फौरुम पर रखेंगे
अखिलेश ने कहा, “अभी जहां तक महागठबंधन और दलों के जुड़ने की बात है इसको लेकर पार्टी में कई तरह की बात चल रही है. किसको फायदा होगा किसको नुकसान होगा इसका आंकलन करके फैसला लेना होगा. जो भी सुझाव मुझे देना है मैं पार्टी के सामने रखेंगे, जिस पर नेताजी विचार करेंगे.”
बता दें मुख्यमंत्री की सोमवार को पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह से करीब 45 मिनट बात हुई. बताया जा रहा है कि महागठबंधन को लेकर ही यह बैठक हुई है.
गौरतलब है कि कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और मुलायम सिंह यादव के बीच दो बार लम्बी मुलाकात हो चुकी है.
दुविधा में है अखिलेश
अखिलेश ने इससे पहले कहा था कि उन्हें अपने विकास कार्यों को लेकर भरोसा है कि जनता उन्हें दोबारा सत्ता में लेकर आएगी. लेकिन जिस तरह से रजत जयंती समारोह के दौरान पुराने जतना पार्टी के नेताओं ने बीजेपी को रोकने के लिए एक साथ आने की बात कही, उससे कहीं न कहीं अखिलेश का भी मनोबल डगमगा गया है.
लेकिन समाजवादी पार्टी के सीनियर नेताओं को लगता है कि अगर बीजेपी को रोकना है तो गठबंधन करना जरुरी है. लेकिन अखिलेश की दुविधा यह भी है कि अगर गठबंधन होता है तो सीट सपा को ही छोडनी पड़ेगी.
अखिलेश ने यह भी कहा कि अगर सपा और कांग्रेस गठबंधन करना चाहती है तो कौन रोक लेगा. लेकिन नफा और नुकसान अक आंकलन जरुरी है.