रायपुर। स्कूली बच्चों को अब मिड-डे मील खाने के लिए घर से गिलास और थाली लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे उनके बस्ते का बोझ भी हल्का होगा। दरअसल पिछले कई सालों में सरकार ने मिड-डे की राशि से मिली ब्याज राशि का इस्तेमाल करने के लिए गाइड लाइन तैयार की है। इससे अब किचन डिवाइस गिलास और थाली खरीदी जाएगी। इसके अलावा कुकिंग कॉस्ट के तौर पर एलपीजी गैस सिलेंडर से खाना बनाने के लिए प्रोत्साहन करने ब्याज की राशि खर्च होगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील की ब्याज राशि में हो रही अनियमितताओं की शिकायत के बाद यह निर्णय लिया है। ब्याज के पैसे से रसोइयों को एलपीजी गैस सिलेंडर इस्तेमाल कराने के लिए भी प्रोत्साहन मिल रहा है।
ऑडिट आपत्तियों के बाद जागी सरकार
हाल में की गई ऑडिट आपत्तियों के बाद पता चला है कि कुछ जिलों के शिक्षा अधिकारी मिड डे मील राशि को आहरण करके उसके ब्याज की राशि की जानकारी नहीं दे रहे थे। कुछ ने तो मिड डे मील राशि के पैसे से गाड़ी, मोटर, कुर्सी और टेबल तक खरीद ली। लिहाजा सरकार ने निर्णय लिया है कि जिस मद की राशि है, उसकी ब्याज राशि उसी में खर्च की जाएगी। लिहाजा अब कुकिंग कास्ट, रसोईया मानदेय, एमएमई, किचन सह भंडार, किचन डिवाइस , खादन्न मूल्य, परिवहन व्यय आदि पर राशि खर्च करने का निर्णय लिया गया है। जानकारी के मुताबिक राज्य में करीब नौ करोड़ 50 लाख रुपए तक की मिड डे मील की ब्याज राशि सरकार के पास है।
एलपीजी गैस को बढ़ावा देने देंगे ब्याज की राशि
बच्चों को सही पोषण आहार देने और उन्हें लकड़ी के धुएं व प्रदूषण से छुटकारा दिलाने के लिए राज्य सरकार ने इसी साल मिड-डे मील की बजट राशि के साथ कुकिंग कॉस्ट बढ़ा दी है। अभी तक प्राइमरी के प्रति बच्चे के लिए मिड-डे मील का बजट 4.42 रुपए और मिडिल के लिए प्रति बच्चे के लिए 5.78 रुपए बजट का प्रावधान था। प्राइमरी में अब 16 पैसे बढ़ाकर 4.58 रुपए कर दिया गया है। यदि स्कूल में स्व सहायता समूह एलपीजी गैस सिलेंडर से भोजन पकाएगा तो उसे सरकार बतौर प्रोत्साहन 4.78 रुपए प्रति छात्र बजट देगी। इसी तरह मिडिल स्कूल में अब 40 पैसे बजट बढ़ाकर 6.18 रुपए कर दिया गया है। यहां यदि स्व सहायता समूह सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें 30 पैसे बढ़ाकर 6.48 रुपए मिलेंगे।