नई दिल्ली। 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के मोदी सरकार के दांव से सरकारी खजाना लबालब होने वाला है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स लॉबी का मानना है इस साल रिटर्न में करीब 30 फीसदी तक इजाफा होने की उम्मीद है। क्योंकि ज्यादातर लोगों के खाते में रकम बढ़ेगी और फिर उन्हें रिटर्न भरनी पड़ेगी। पांच लाख रुपये वाली रिटर्न सबसे ज्यादा होने की उम्मीद है। आयकर विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि इस बार रिटर्न में अप्रत्याशित इजाफा होने की उम्मीद है।
हमें इसकी वजह सीए सतीश मित्तल ने बताई। उनका कहना है कि पुराने नोटों को खपाने का सिर्फ यही सही तरीका है कि किसी न किसी के खाते में उसे डाला जाए। वरना वह बेकार हो जाएगी। उनका कहना है कि पांच लाख रुपये तक यदि किसी के खाते में हैं तो उसे टैक्स के रूप में सरकार को सिर्फ 20 हजार रुपये देने हैं। इस रकम पर औसत टैक्स 4 फीसदी होता है।
जबकि 10 लाख रुपये की रिटर्न पर सरकार के खाते में करीब सवा लाख रुपये जाएंगे, जो औसत 12.5 फीसदी पड़ता है। इसलिए ब्लैकमनी खपाने वालों को सरकार के खाते में इतनी रकम देने में दिक्कत नहीं होगी। वह कहते हैं अब लोग अपने खास जानने वालों और कर्मचारियों के अकाउंट में पैसा डालेंगे। उसका हिसाब बाद में नई करेंसी आने पर करेंगे।
सीए सुनील मंगला कहते हैं कि इस बार रिटर्न बढ़ेगी क्योंकि सभी को अपनी घर में रखी गई रकम खाते में डालनी पड़ रही है। उसे रिटर्न में दिखाना भी होगा। सीए बेनू सिंह के मुताबिक पैन कार्ड बनवाने वालों की संख्या बढ़ रही है। रिटर्न 30 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के कार्यालयों में सलाह लेने के लिए छोटी रकम वाले भी आ रहे हैं और बड़ी रकम वाले भी। सभी मोदी सरकार के इस फैसले का तोड़ पूछ रहे हैं। रास्ता यही है कि वह खातों में रकम डालें और सरकार को टैक्स देकर पीछा छुड़ाएं।
इंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ माइक्रो स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला कहते हैं इस समय देश में 14 लाख करोड़ के 500 और 1000 रुपये के नोट हैं। इसका ज्यादातर हिस्सा कुछ दिनों में किसी न किसी के जरिए बैंकों में आ जाएगा।
अकेले गुड़गांव की बात करें तो वहां पर एक ही दिन में करीब 15 अरब रुपये जमा होने का अनुमान लगाया गया है। यहां पर सभी बैंकों की 715 शाखाएं हैं। बैंक मैनेजरों ने बताया है कि चूंकि यह औद्योगिक शहर है इसलिए हर शाखा में कम से कम 2 करोड़ रूपये औसतन जमा हुए हैं।