नोटबंदी ने फूल विक्रेताओं के रास्ते में बिछाए कांटे

हल्द्वानी :  नोटबंदी ने फूल कारोबार में कांटे बिछा दिए हैं। सहालग का सीजन होने के बावजूद फूल का कारोबार 70 फीसद तक घट गया है। ऐसे में फूल कारोबारी तो मायूस हैं ही, किसानों की भी उम्मीदों में पानी फिर गया है। हालांकि कारोबारी व किसानों को अब भी हालात सुधरने की उम्मीद है। फिलहाल फूल कारोबारी टकटकी लगाए ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं।

मंगलपड़ाव में फूल की फुटकर मंडी है। इसके अलावा नैनीताल रोड पर भी कुछ स्थानों पर फूल बेचने का कारोबार किया जाता है। फूल कारोबारियों के मुताबिक सहालग के समय नोटबंदी से कारोबार में खासा फर्क पड़ा है। फूल कारोबारी पप्पू के मुताबिक 70 फीसद काम कम हो गया है। ग्राहक नहीं आने के कारण दाम भी घटा दिए गए हैं। निर्धारित दामों से आधे दामों में बरात की कार सजाई जा रही है। जाकिर अली के मुताबिक गौलापार के अलावा बरेली, मुरादाबाद व दिल्ली से फूल मंगाए जाते हैं। पिछले साल तक 10 से 20 रुपये प्रति किग्रा तक गौलापार का गेंदा फूल खरीदा जाता था, लेकिन इस बार मांग कम होने से कीमत पांच से छह रुपये प्रति किग्रा है। इससे किसानों को भी नुकसान हो रहा है। मनीष के मुताबिक विदेशी प्रजाति का आर्केट, कार्नेशन, लिली, एंथोनियम महंगे होने के कारण इस साल नहीं मंगाए जा रहे। बाजार में गुलाब, गिलाइड, रजनीगंधा, गेंदा व गुलदावरी बेचा जा रहा है। इरफान के मुताबिक अगर ग्राहक दो हजार रुपये का नोट देता है, तो भी लौटाने के लिए खुले रुपयों की समस्या हो रही है। खुले रुपयों के लिए मंडी के चक्कर काटकर अन्य दुकानदारों के मिन्नतें करनी पड़ रही हैं।

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