मुंबई. कर्ज में डूबी प्रदेश सरकार अब सरकारी भूखंडों बेचकर महत्वकांक्षी परियोजनाओं के लिए निधि जुटाएगी। इसके लिए सरकार लीज पर दी गई सैकड़ों एकड़ जमीन को फ्री होल्ड में बदलने की दिशा में काम कर रही है। इस फैसले से सरकार को करीब 50 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान है। फिलहाल इन जमीनों का पंजीकरण लीज एक्ट के तहत है।
– इसमें बदलाव के लिए फार्मूला तय करने को लेकर सरकार ने प्रदेश के राजस्व विभाग के प्रधान सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में समिति गठित की है।
– राज्य सरकार ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि लीज पीरियड समाप्त होने वाले भूखंडों का नवीनीकरण न कराने पर जमीन वापस ले ली जाएगी।
– राजस्व विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, 1291 भूखंडों को 33 से लेकर 99 साल के लिए लीज पर दिया गया है। इनमें से 691 भूखंडों की लीज समाप्त हो गई है।
– इससे पहले राज्य सरकार ने महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता 1966 की धारा 29 में संशोधन को इसी वर्ष फरवरी में मंजूरी दी थी।
– इसके अनुसार, सरकार लीज पर कुछ जुर्माना लगाकर दी गई जमीन को फ्री होल्ड में बदल सकती है। संबंधित विधेयक को विधानमंडल के बजट सत्र में पारित किया गया था।
– इससे पहले राज्य सरकार ने महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता 1966 की धारा 29 में संशोधन को इसी वर्ष फरवरी में मंजूरी दी थी।
– इसके अनुसार, सरकार लीज पर कुछ जुर्माना लगाकर दी गई जमीन को फ्री होल्ड में बदल सकती है। संबंधित विधेयक को विधानमंडल के बजट सत्र में पारित किया गया था।
– उस समय तत्कालीन राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने दावा किया था कि इस फैसले से 50 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान है।
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे भी वजह
दरअसल राज्य सरकार ने मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे सहित कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की घोषणा की है। इसमें मुंबई-नागपुर सुपर एक्सप्रेस वे के लिए ही 30 हजार करोड़ रुपए की निधि की जरूरत पड़ेगी। हालांकि विपक्ष राज्य सरकार की इस तरकीब की आलोचना कर रहा है।
दरअसल राज्य सरकार ने मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे सहित कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की घोषणा की है। इसमें मुंबई-नागपुर सुपर एक्सप्रेस वे के लिए ही 30 हजार करोड़ रुपए की निधि की जरूरत पड़ेगी। हालांकि विपक्ष राज्य सरकार की इस तरकीब की आलोचना कर रहा है।