यूजीसी ने दिए आदेश , वकीलों की लॉ डिग्री की होगी जांच

बिलासपुर। यूजीसी ने वकीलों की डिग्री की जांच करने के आदेश दिए हैं। इस आशय का पत्र बिलासपुर विश्वविद्यालय को मिला है। जिसमें नए सिरे से सत्यापन का काम करने कहा गया है। इसके लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को फरमान जारी किया है। इस संबंध में बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को भी पत्र मिला है। इसमें कहा गया है बार कौंसिल में जमा वकीलों की लॉ डिग्री का शीघ्र सत्यापन करें। इसके लिए कुछ बिन्दु भी सुझाए गए हैं। जिससे की जल्द इस काम को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा सके। सत्यापन को लेकर फिलहाल किसी तरह का शुल्क निर्धारण नहीं किया गया है।

सिर्फ इतना कहा है कि अगर कोई विश्वविद्यालय सर्टिफिकेट के सत्यापन के लिए कोई शुल्क रखना चाहता है तो संबंधित बार कौंसिल से अनुरोध कर सकते हें। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि वे शुल्क डुप्लीकेट सर्टिफिकेट से अधिक न हो। पत्र मिलने के बाद बिलासपुर विश्वविद्यालय में काम शुरू हो गया है। कौशलेंद्र राव विधि महाविद्यालय, डीपी विप्र विधि महाविद्यालय सहित संभाग के सभी छह कॉलेजों से प्राप्त डाटा के आधार पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला

आयोग ने पत्र में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 20 अक्टूबर के आदेश का जिक्र किया है। पत्र में यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में लॉ डिग्री के सत्यापन की समय सीमा निर्धारित है। विवि को गंभीरता से लें ताकि कोर्ट की तरफ से कोई प्रतिकूल टिप्पणी की नौबत नहीं आए। यही वजह है कि पत्र मिलने के बाद विधि विभाग में हलचल तेज हो गई है।

यूजीसी ने वकीलों की डिग्री का सत्यापन करने कहा है। कुलपति के नाम पत्र पहुंच चुका है। इस संबंध में चर्चा हो चुकी है। जनवरी के अंत तक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने प्रयास होगा। बार कौंसिल के पदाधिकारियों से भी चर्चा करेंगे। 

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