देहरादून, 22 जनवरी। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने राज्य में स्थापित सभी विश्वविद्यालयों का आह्वाहन किया की राष्ट्र निर्माण सम्बन्धित सभी शासकीय कार्यक्रमों में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को रोजगार सृजन एवं कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। सभी विश्वविद्यालय स्वयं को ‘नेशनल नाॅलेज नेटवर्क’ से जोड़े तथा सामाजिक कार्य योजनाओं में भागीदारी के रूप में गाँवों को अपनायें। रविवार को आईएमएस विश्वविद्यालय, देहरादून के प्रथम दीक्षान्त समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे| राज्यपाल ने कहा वर्तमान में देश ‘नाॅलेज सोसाइटी’ विकसित करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है ऐसे में बड़ी सफलताओं को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालय गुणवत्ता के मानकों में वृद्धि, ज्ञान पूँजी के सृजन तथा अनुसंधान कार्यों के माध्यम से विद्यार्थियों के कौशल विकास के साथ-साथ उनके मन में आदर्श अवधारणों को स्थापित करने की ओर भी विशेष ध्यान दें। राज्यपाल ने वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ‘इंटरनेट’ पर उपलब्ध असीमित जानकारियों के दृष्टिगत शिक्षकों को क्लासरूम में दी जाने वाली शिक्षा में अपेक्षित बदलाव के लिए गंभीरता से विचार करना होगा। जिन क्षेत्रों में शिक्षा के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं वहाँ ‘मैसिव ओपन आॅनलाइन कोर्सेज का सदुपयोग कर लाभ लिया जा सकता है। उन्होंने कहा, प्रथम दीक्षान्त समारोह शिक्षकों की दीक्षा का परिणाम तथा विद्यार्थियों के लिए जीवन के नए चरण में प्रवेश का अवसर है। आज के परिपे्रक्ष्य में न केवल व्यक्ति विशेष अपितु संस्थाओं को भी तेजी से बदलते वैश्विक परिवेश के प्रति जागरूक रहना होगा। भारत के युवाओं और कार्यबल को रोजगार योग्य कौशल तथा ज्ञान से सुसज्जित करने की आवश्यकता है। जिसके आधार पर वे देश की सतत् आर्थिक उन्नति में सहयोग कर सकें। विश्विविद्यालयों का दायित्व है कि उत्तराखण्ड के लोगों को विशिष्ट कौशल प्रदान कर उन्हें लाभप्रद रोजगार की संभावनाओं को हासिल करने के लिए सशक्त करने की ओर विशेष ध्यान दें। राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों को, अपने प्रमुख दायित्वों के निर्वहन के साथ सामाजिक उत्थान के कार्यक्रमों के गाँवों को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल ने मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय, संकाय सदस्यों, कर्मियों सहित विद्याार्थियों तथा उनके अभिभावकों को बधाई दी।