रायपुर- संजारी बालोद विधायक भैयाराम सिन्हा को बिजली कार्यालय का घेराव करना महंगा पड़ गया है। कोर्ट ने घेराव करने और मेन गेट को जबरदस्ती खोलकर अंदर घुसने और नारेबाजी करने को गंभीर अपराध मानते हुए एक साल के कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। भैयाराम सिन्हा चतुर्थ विधानसभा के पहले विधायक हैं, जिनको एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।
– हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उनके खिलाफ एफआईआर करने से पहले विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति ली गई थी या नहीं।
– सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजीव कुमार दुबे के अनुसार 13 अगस्त 2015 को विधायक भैयाराम सिन्हा और अन्य प्रतिनिधियों ने संभागीय विद्युत कार्यालय का घेराव किया था।
– धरना प्रदर्शन की सूचना मिलने पर विद्युत कार्यालय के मेन गेट को बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद का
र्यालय के मेन गेट को खोलकर जबरदस्ती अंदर घुसकर नारेबाजी की गई।

– .इसके बाद संभागीय कार्यालय विद्युत बालोद में हेल्पर के पद पर पदस्थ राजकुमार राव ने इनके खिलाफ बालोद थाने में लिखित शिकायत कर दी।
– शिकायत पर पुलिस ने भैयाराम सिन्हा के विरुद्ध धारा 448 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर लिया। साथ ही विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया।
– न्यायालय ने मामले पर विचार करते हुए अभियोजन के आरोप को प्रमाणित माना और विधायक को दोषी करार दि
या। हालांकि, बाद में विधायक को इस मामले में जमानत मिल गई।
– पांच हजार के मुचलके पर जमानत : विधायक के अधिवक्ता भेष साहू ने बताया कि पांच हजार रुपए के मुचलके पर विधायक भैयाराम सिन्हा को जमानत मिल गई है।
या। हालांकि, बाद में विधायक को इस मामले में जमानत मिल गई।
– पांच हजार के मुचलके पर जमानत : विधायक के अधिवक्ता भेष साहू ने बताया कि पांच हजार रुपए के मुचलके पर विधायक भैयाराम सिन्हा को जमानत मिल गई है।
कोर्ट का फैसला स्वीकार
कोर्ट का फैसला स्वीकार है। मेरे साथ चार विधायक के अलावा और भी बहुत से लोग थे, लेकिन प्रशासन ने मुझको टार्गेट किया है। जनता की सेवा करने के उद्देश्य से ही मैं बिजली कार्यालय का घेराव करने गया था। जनता को हक दिलाने के लिए एक बार नहीं सौ बार जेल जाने को तैयार हूं। -भैयाराम सिन्हा, विधायक