ट्रम्प: H-1B वीजा वालों को नहीं छीनने दूंगा अमेरिकियों की नौकरी

वॉशिंगटन- अमेरिका के इलेक्ट प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वे अमेरिकी लोगों की जगह विदेशी वर्कर्स को नौकरी पर रखने की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने डिज्नी वर्ल्ड और कुछ दूसरी अमेरिकी कंपनियों का हवाला दिया। यहां H-1B वीजा वाले इंडियन और दूसरे विदेशी वर्कर्स ने अमेरिकियाें की नौकरी छीन ली है। ट्रम्प के इस कदम का असर सबसे ज्यादा भारतीयों पर होगा। दरअसल, अमेरिका में H-1B वीजा होल्डर्स में 72% भारतीय हैं। ट्रम्प बोले- हम लड़ेंगे…
 U.S. Republican presidential candidate Donald Trump points at the media as he speaks during a campaign rally in Syracuse, New York April 16, 2016. REUTERS/Carlo Allegri - RTX2A991
– ट्रम्प गुरुवार को आयवा में अपने हजारों सपोर्टर्स के बीच थे। वहां उन्होंने कहा, “हम हर एक अमेरिकी की जिंदगी की हिफाजत के लिए लड़ेंगे।”
– ट्रम्प ने कहा, “चुनाव कैम्पेन के दौरान मैंने अमेरिका के उन वर्कर्स के साथ वक्त बिताया, जिन्हें उन विदेशियों को ट्रेनिंग देने के लिए रखा गया था और जिन्हें बाद में उन्हीं (अमेरिकी ट्रेनर) की जगह नौकरी पर रखा गया। लेकिन अब हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
– “क्या आप यकीन कर सकते हैं? नौकरी से निकालने के बाद वे अापको आपका ही पैसा तब तक नहीं देंगे, जब तक कि अाप उन लोगों को ट्रेनिंग नहीं देते, जो आपकी जगह नौकरी पर रखे जाने हैं। इससे ज्यादा बेईज्जती की बात दूसरी नहीं हो सकती।”
दो कर्मचारियों ने किया है मुकदमा
– बता दें कि डिज्नी वर्ल्ड और दो आउटसोर्सिंग कंपनियों में इम्पलॉई रहे दो लोगों ने फेडरल कानून के तहत कोर्ट केस कर दिया है।
– शिकायत में कहा गया है कि इन कंपनियों ने अमेरिकी वर्कर्स की जगह कम सैलरी वाले विदेशियों को नौकरी देने की साजिश रची है। इनमें ज्यादातर भारतीय हैं।
– केस लियो परेरो और डीना मोर ने किया है। वे डिज्नी के उन 250 टेक्निकल इम्प्लॉइज में शामिल हैं, जिन्हें 2015 में ऑरलैंडो के डिज्नी वर्ल्ड ने नौकरी से निकाल दिया था।
– दोनों ने दो आईटी कंपनियों एचसीएल इंक और कॉग्निजंट टेक्नोलॉजीज को भी केस में घसीटा है।

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