बारह साल की कांटों भरी जिंदगी के बाद शबीना बनी दुल्हन, शमशाद मिसाल!

कानपुर : चमनगंज की शबीना का नाम जुबां पर आते ही बारह साल पहले का वह दर्दनाक मंजर ख्यालों में आ जाता है जिसे शायद ही यह शहर भूला सकेगा। उस तेजाब कांड में शबीना का चेहरा और शरीर ही नहीं जला था बल्कि उसकी जिंदगी के सारे अरमान भी खाक हो गए थे। आलम यह था कि तब खूबसूरत और चंचल दिखने वाली शबीना खुद को देख डरने लगी थी। बारह साल की कांटों भरी जिंदगी के इस सफर में गुरुवार का दिन उसकी जिंदगी में खुशियों की सौगात लेकर आया। पड़ोस में रहने वाले मो. शमशाद उर्फ अस्सु ने उसका हाथ थाम लिया। इसके बाद शबीना दुल्हन बनी और शमशाद मिसाल बन गया।

शबीना की जिंदगी के बीते पन्ने पलटने के लिए हम आपको 12 साल पहले लेकर चलते हैं। शबीना तब 16 साल की थी। बेहद खूबसूरत और स्वभाव से संजीदा शबीना से पड़ोस का ही वसीम शादी करना चाहता था। शबीना के पिता ने भी शादी के लिए हामी भर दी थी लेकिन वक्त चार माह बाद का तय किया था। वसीम को यह नागवार गुजरा। उसने चार दिन में शादी करने की जिद की जिसे शबीना ने ठुकरा दिया। वसीम इंकार बर्दाश्त नहीं कर सका और घर में सो रही शबीना के उपर तेजाब डाल दिया जिससे शबीना का चेहरा बुरी तरह जल गया। तेजाब ने भीतर ही भीतर शबीना के शरीर को भी बुरी तरह जला दिया था। सखी केंद्र की नीलम चतुर्वेदी उसकी मदद को आगे आयीं। देश और देश के बाहर उन्होंने शबीना की मदद के लिए पैसा मांगा। डॉ. एसके गुलाटी ने आठ सर्जरी की जिसके बाद शबीना का चेहरा कुछ सही हुआ। घटना के बाद परिवार ढकनापुरवा आकर बस गया। शबीना की जिंदगी ने यहीं मोड़ लिया। पड़ोस में रहने वाले मो. शमशाद को उसकी सादगी बहुत पसंद आयी। उसने प्रस्ताव रखा तो शबीना के पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सखी केंद्र की महामंत्री ने इस रिश्ते के पीछे का सच जाना और निकाह का दिन तय हो गया। बारात आयी तो पड़ोसी ही बराती बने। पड़ोस के ही एक घर में मौलवी साहब ने निकाह पढ़ाया। इसी के साथ शमशाद ने सखी केंद्र के महिला कार्यकर्ताओं से शबीना को जिंदगी भर खुश रखने का वादा किया।

अल्लाह का शुक्रिया

निकाह के बाद शबीना ने कहा कि अल्लाह ने जख्म दिए थे, उसी ने झोली भी खुशियों से भर दी। इस दिन का तो कभी ख्याल नहीं किया था। अल्लाह का शुक्रिया।

वसीम को 14 साल कैद

अदालत ने वसीम को तेजाब फेंकने का दोषी पाते हुए 14 साल कैद की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया था।

 

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