नोटबंदी का असर नक्सलियों पर साफ दिखाई देने लगा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नक्सलियों ने बस्तर के शिक्षकों को फरमान जारी कर कहा है कि एक महीने की सैलरी उन्हें दें.
बस्तर संभाग के सुकमा जिले के अंदरूनी इलाकों में माओवादियों ने एक फरमान जारी किया है. इसके बाद से इलाके में दहशत का माहौल कायम है. जिले के अंदरूनी इलाके चितांगुफा, भेज्जी, जगरगुंडा में माओंवादियों ने ग्राम सचिव, शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों को एक माह का वेतन देने का फरमान जारी किया है. दहशत के चलते इसकी शिकायत लोगों ने अब तक थाने में नहीं कराई है.
कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों को भी माओवादियों ने एक फरमान सुनाया है, जिसके बाद से छात्र भी डरे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक माओवादियों ने सुकमा के अंदरूनी इलाके में काम करने वाले सरकारी महकमे के कर्मचारियों को कहा है कि वे अपने एक माह का वेतन दानस्वरूप माओवादी संगठन को दे.
माओवादियों के इस फरमान की अनदेखी करने पर परिणाम भुगतने की भी चेतावनी दी गई है. साथ ही कालेज के छात्रों पर उनके परिजनों के खाते में माओवादियों के पुराने नोट 25-25 हजार जमा करने का भी दबाव बनाया गया है. इस मामले में पुलिस खामोश है, इसके पीछे का कारण किसी के भी पुलिस में शिकायत नहीं करना माना जा रहा है.