– पहले एमएलसी सुनील सिंह साजन, आनंद भदौरिया, और सपा यूथ अध्यक्ष बृजेश यादव को बाहर का रास्ता दिखाया गया।
– उसके बाद अखिलेश के सबसे करीबी माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप को महामंत्री से हटाकर सदस्य बनाया गया।
– शिवपाल यादव के खास रहे दीपक मिश्रा को पहले प्रवक्ता और फिर सचिव का अतिरिक्त पद देकर नवाजा गया।
– पहले ही सुरभि शुक्ला को आवास विकास का उपाध्यक्ष बनाया गया था और अब प्रदेश सचिव बनाकर पार्टी में पूरी तरह से अपना वर्चस्व कायम करने की ठान ली है।
सपा में घमासान से पार्टी को हो रहा नुकसान
– मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के परिवार में हो रहे घमासान से उनकी छवि लगातार खराब होती जा रही है।
– सीएम अखिलेश यादव आम तौर पर शांत और हंसमुख होने के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन इस परिवार की लड़ाई में वो एंग्री यंग मैन की भूमिका में दिखाई पड़े हैं।
– समाजवादी परिवार की इस आपसी लड़ाई का पार्टी और उसके कार्यकर्ताओं पर असर साफ दिखाई दे रहा है।
– इसने मुलायम सिंह यादव को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है, क्योंकि लोहिया की पुण्यतिथि के मौके पर अक्सर लोहिया पार्क में खड़े होने की जगह नहीं होती थी। उसी पार्क में इस बार केवल गिने हुए कुछ कार्यकर्ता ही नजर आए। उनको देख नेताजी भी सकते में आ गए।