संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौते से बाहर आने का कोई रास्ता नहीं : मेजॉर
मार्राकेश (मोरक्को) (एएफपी)। संयुक्त राष्ट्र की इम्पीमेंटिंग बॉडी के प्रमुख ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि अमेरिका पेरिस जलवायु संधि को नहीं तोड़ेगा। उन्होंने कहा, अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर आने की बातों के बावजूद दुनिया को उम्मीद करनी चाहिए कि ऐतिहासिक संधि नहीं टूटेगी। मोरक्को के विदेश मंत्री सलाहेद्दीन मेजॉर ने इसी हफ्ते 196 देशों के इस समूह का प्रबंधन संभाला है और उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि पेरिस समझौता लागू हो चुका है।
उन्होंने कहा, ‘इसके लागू होने का मतलब है कि सरकार को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह होना भी चाहिए, मुझे लगता है कि इससे बाहर आना बहुत मुश्किल होगा।’
मोरक्को के मार्राकेश में 7 से 18 नवंबर के बीच चल रही 12 दिवसीय बातचीत में बुधवार को सभी सदस्य उस समय भौचक्के रह गए, जब पेरिस जलवायु समझौते का विरोध करने वाले रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए।
इस बैठक में मौजूद कई देशों ने ट्रम्प की जीत के बाद ‘इंतजार करो और देखो’ की रणनीति अपना ली है। बता दें कि करीब दो दशक की भरसक कोशिशों के बाद पेरिस में जलवायु समझौते पर मुहर लगी थी। इसके तहत सदस्य देशों ने स्वैच्छिक रूप से शपथ ली थी कि वे ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाएंगे।
इस समझौते के तहत सभी देशों ने इस समझौते को हरी झंडी दी थी कि वे सब मिलकर धरती के तापमान में बढ़ोतरी को दो डिग्री से कम ही रखने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे। बता दें कि पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण पहले ही दुनियाभर में खतरनाक तूफान, सूखा, लू और बाढ़ जैसी आपदाएं देखने को मिल रही हैं।
हालांकि सलाहेद्दीन मेजॉर ने बताया कि उनकी कोप22 के अध्यक्ष के नाते अभी तक ट्रम्प और उनकी टीम से मुलाकात नहीं हुई है। उन्होंने कहा, मैं अमेरिका के नए प्रशासन से मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। उन्होंने कहा, मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि हम जिस तेजी से आगे बढ़ रहे हैं वह रफ्तार बनी रहेगी। पूरी उम्मीद है कि अमेरिका भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।