बिलासपुर। समितियों में हजारों बोरा धान डंप है। किसानों के धान की तौलाई नहीं हो पा रही है। मेहनत की गाढ़ी कमाई कोई चोरी न कर ले इस डर से किसान दिन और रात रखवाली कर रहे हैं। तहसीलदार से सत्यापन न होने के कारण समिति में धान की खरीदी नहीं हो रहे है। सत्यापन कराने के लिए किसान तहसील कार्यालय से लेकर खरीदी केंद्र का चक्कर काट रहे हैं। किसानों का गुस्सा भी फूटने लगा है।
कलेक्टर अन्बलगन पी. ने एक आदेश जारी कर समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को तहसीलदार से सत्यापन कराने की शर्त रख दी है। कलेक्टर के आदेश पर प्रभावीतौर पर गुरुवार 5 जनवरी से अमल होना शुरू हो गया है। डीएम के निर्देश के बाद समितियों में खरीदी की पड़ताल करने और किसानों की दिक्क्तों का जायजा लेने गुरुवार को ‘नईदुनिया’ की टीम ने जिले की आधा दर्जन समितियों के अलावा इन समितियों के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों का जायजा लिया। इस दौरान करीब 100 से अधिक ऐसे किसानों से बात की, जिन्होंने धान नहीं बेचा है. कलेक्टर के मौजूदा आदेश को लेकर किसान खफा नजर आ रहे हैं। नाराजगी के साथ ही उनके मन में चिंता भी है। चिंता की बात ये कि धान बेचने के लिए अब 26 दिन ही शेष बचे हैं। परेशानी का कारण ये कि पटवारी हड़ताल पर हैं। बी-1 कहां से लाएंगे। 40 किलोमीटर दूर बैठे किसान किसी तरह बी-1 हासिल कर ऋण पुस्तिका के साथ बिलासपुर तहसील कार्यालय आ भी रहे हैं तो दफ्तर में साहब नहीं मिल रहे हैं।पता करने पर मातहत सीधी मुंह बात भी नहीं कर रहे हैं। तहसीलदार कहां हैं और कब तक आएंगे, यह जानकारी लेने में ही घंटों गुजर जा रहा है। गांव से सत्यापन कराने तहसील कार्यालय आने और साहब की अनुपस्थिति के चलते वापस गांव जाने में ही पूरा दिन खराब हो जा रहा है।
किसानों की सबसे बड़ी परेशानी ये कि डीएम के निर्देश के पहले ही किसानों ने समितियों में धान रख दिया है। खुले में रखे धान की सुरक्षा सबसे प्रमुख है। साल भर की मेहनत की कमाई चोरी न हो जाए, इसे लेकर किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। यही कारण है कि परिवार का एक सदस्य हर समय समिति में रखवाली करते नजर आ रहा है। दिन में अलग तो रात में रखवाली करने घर के दूसरे सदस्य की ड्यूटी लग रही है। जो रात पाली में धान की रखवाली कर रहे हैं, वह शाम के वक्त घर से टिफन लेकर समिति जाते हैं। घर के आधे सदस्यों का दिन और रात समिति में गुजर रहा है। कभी समिति प्रबंधक के पास जा रहे थे तो कभी तौल करने वाले हमालों से मिन्नतें कर रहे थे। पर ये भी क्या करें। कलेक्टर के निर्देश से इनका भी हाथ बंधा हुआ है। गुस्साए किसान अपनी खीझ कभी हमालों पर तो कभी समिति में मौजूद अधिकारियों पर निकालते नजर आए। दोपहर डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तक किसान लगातार मशक्कत करते दिखाई दिए। धान का तौल हुआ न हमालों ने धान को दूसरे बोरों में तौल के लिए पलटी ही की।
धरने पर बैठे किसान, निकाला गुस्सा
सत्यापन के बगैर धान की तौलाई न होने से गुस्साए किसानों ने समिति में ही धरना दे दिया। बामू समिति में किसान धान खरीदी केंद्र परिसर में धरने पर बैठ गए। नाराज किसानों ने जब तक धान का तौल नहीं हो जाता धरने पर बैठे रहने का ऐलान कर दिया था। इससे घबराए समिति प्रभारी ने तहसीलदार से सेलफोन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री अजय सिंह से बात कराई। तहसीलदार ने तत्काल सत्यापन करने का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर किसानों ने धरना समाप्त किया।
क्या कहते हैं किसान
ग्राम खैरा डगनिया निवासी किसान सुखदेव प्रसाद ने बताया कि 13 एकड़ में धान की फसल लगाई थी। 187 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ है। 74 क्विंटल धान समिति में बेचने के लिए लाया है। कलेक्टर के आदेश के चलते अब तहसीलदार के सत्यापन के बिना समिति में धान नहीं खरीद रहे हैं। बीते चार दिनों से समिति में धान डंप पड़ा हुआ है। रखवाली की जिम्मेंदारी भी हमारी है। इसके चलते दिन में अलग और रात में अलग रखवाली कर रहे हैं। सत्यापन कराने दो दिनों से तहसीलदार के कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। अब तक सत्यापन नहीं हो पाया है। ग्राम अकलतरी के किसान प्रफुल्ल शर्मा ने बताया कि 5 एकड़ में धान की फसल ली थी। 110 क्विंटल धान हुआ है। 75 क्विंटल धान समिति में बेचने के लिए रखा हुआ है। एक सप्ताह हो गया है, अब तक तौल नहीं हुआ है। नए आदेश का हवाला देते हुए समिति प्रभारी द्वारा तहसीलदार से सत्यापन करवाकर लाने कहा जा रहा है। दो दिनों से तहसील कार्यालय और समिति का चक्कर काट रहे हैं। धान की रखवाली अलग कर रहे हैं। घर के अधिकांश सदस्य इसी काम में व्यस्त हो गए हैं। और कोई नहीं हो पा रहा है।
ग्राम गड़वट के किसान भरत कश्यप ने बताया कि 21 एकड़ में धान की फसल ली था। 500 कट्टी धान(एक कट्टी में 40 किलोग्राम) धान बेचने के लिए समिति में रखा हुआ है। 300 कट्टी धान घर में है। पहली किश्त की धान की बिक्री नहीं हो पा रही है। समिति के अधिकारी तहसीलदार का सत्यापन मांग रहे हैं। सत्यापन कराने बुधवार को तहसील कार्यालय गया था। साहब नहीं मिले। लौटकर आ गए। बीते दो दिनों से घर से समिति और समिति से तहसील कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। कहीं से कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है। ग्राम बामू के किसान ईश्वर निर्मलकर ने बताया कि साढ़े आठ एकड़ में 125 क्विंटल धान हुआ है। 50 क्विंटल धान बेचने के लिए समिति लाया हूं। तीन दिनों से समिति में धान डंप है। समिति में खरीदी भी नहीं हो रही है। पूरा दिन समिति में धान की रखवाली में ही गुजर रहा है। किसानों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। कलेक्टर के निर्देशानुसार तहसीलदार से सत्यापन कराने वाले किसानों का धान खरीदने कहा गया है। इससे किसानों को ही सहूलियत है। बिचौलिए व कोचियों की दखल कम होगी।
अभिषेक तिवारी-सीईओ, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर
नए निर्देश से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। सभी समितियों में धान डंप हो रहा है। खरीदी न होने के कारण चोरी का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसी मनमानी नहीं चलेगी। किसान लामबंद हो रहे हैं। निर्णय नहीं बदला गया तो किसानों के हित में बड़ा आंदोलन करेंगे।
अजय सिंह- किसान नेता व महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी