नई दिल्ली. केंद्र ने गवर्नमेंट इम्प्लॉइज को वॉर्निंग दी है कि अगर किसी ने सरकार के कामकाज को क्रिटिसाइज किया तो उसके खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन लिया जाएगा। ये फैसला उस सुझाव के बाद आया है जब इंडियन रेवेन्यू सर्विसेज (कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज), ऑल इंडिया सेंट्रल एक्साइज गजटेज एग्जीक्यूटिव अफसरों समेत कई अन्य ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (GSTN) में बदलाव की मांग की थी। बता दें कि जीएसटीएन नामक एक प्राइवेट कंपनी को जीएसटी के लिए आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की बात कही गई थी। 8 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के एक आईएएस अफसर ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अचीवमेंट्स के बारे में FB पोस्ट किया तो राज्य सरकार ने शो कॉज नोटिस जारी करते हुए उन्हें मंत्रालय में अटैच कर दिया
क्या है फाइनेंस मिनिस्ट्री के ऑर्डर में…
– फाइनेंस मिनिस्ट्री के हाल ही में जारी ऑर्डर के मुताबिक, ‘यह देखा गया है कि कुछ एसोसिएशंस या फेडरेशन सरकार और उसकी पॉलिसी के खिलाफ बोलते रहे हैं।’
– ‘सरकार साफ करना चाहती है कि अगर कोई भी सरकार या उसकी पॉलिसीज के खिलाफ बोलता पाया गया तो उसपर डिसिप्लिनरी कार्रवाई की जाएगी।’
– यह भी कहा गया है, ‘सर्विस रूल्स के मुताबिक कोई भी सरकारी इम्प्लॉई सरकार या उसकी पॉलिसी के खिलाफ कमेंट नहीं कर सकता।’
– ‘सर्विस एसोसिएशंस मुख्य मकसद होना चाहिए कि उसके मेंबर्स कॉमन सर्विस इंटरेस्ट को प्रमोट करें।’
– ‘सरकार साफ करना चाहती है कि अगर कोई भी सरकार या उसकी पॉलिसीज के खिलाफ बोलता पाया गया तो उसपर डिसिप्लिनरी कार्रवाई की जाएगी।’
– यह भी कहा गया है, ‘सर्विस रूल्स के मुताबिक कोई भी सरकारी इम्प्लॉई सरकार या उसकी पॉलिसी के खिलाफ कमेंट नहीं कर सकता।’
– ‘सर्विस एसोसिएशंस मुख्य मकसद होना चाहिए कि उसके मेंबर्स कॉमन सर्विस इंटरेस्ट को प्रमोट करें।’
क्या कहते हैं सर्विस रूल्स?
– ‘कोई भी सरकारी कर्मचारी रेडियो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मार्फत अपने या किसी और नाम से कोई रिपोर्ट पब्लिश नहीं कर सकता।’
– ‘इस तरह का किसी भी स्टेटमेंट या विचार जो सरकार या उसकी पॉलिसीज को क्रिटिसाइज करता हो। ऐसा करने वाले किसी भी केंद्र या राज्य सरकार के इम्प्लॉई के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है।’
– ‘इस तरह का किसी भी स्टेटमेंट या विचार जो सरकार या उसकी पॉलिसीज को क्रिटिसाइज करता हो। ऐसा करने वाले किसी भी केंद्र या राज्य सरकार के इम्प्लॉई के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है।’
छत्तीसगढ़ में IAS को मिला नोटिस, मंत्रालय अटैच
– छत्तीसगढ़ के एक आईएएस अफसर शिव अनंत तायल ने बीजेपी के पितृपुरुष माने जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अचीवमेंट्स पर सवाल उठाए।
– उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट कर पूछा कि आखिर दीनदयाल उपाध्याय की उपलब्धियां क्या हैं? इस पर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मंत्रालय से अटैच कर दिया। तायल कांकेर जिला पंचायत के सीईओ थे।
– बीते शुक्रवार को उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा- ‘वेबसाइटों में एकात्म मानववाद पर उपाध्याय के सिर्फ चार लेक्चर मिलते हैं। वह भी पहले से स्थापित आइडियाज थे।’
– ‘मुझे ऐसा कोई चुनाव याद नहीं जो उन्होंने जीता हो..और ना ही उनकी अपनी कोई विचारधारा रही।’
– ‘इतिहासकार रामचंद गुहा की पुस्तक मेकर्स ऑफ मॉडर्न इंडिया में आरएसएस के तमाम बड़े लोगों का जिक्र है लेकिन उसमें उपाध्याय कहीं नहीं।’
– ‘मेरी अकादमिक जानकारी के लिए कोई तो पंडित उपाध्याय के जीवन पर प्रकाश डाले।’
– पोस्ट से माहौल खराब होते देख आईएएस शिव अनंत तायल ने उसे डिलीट कर दिया।
– तायल ने माफी के लिए जो पोस्ट की उसमें लिखा- “मैंने सुबह में एक पोस्ट की थी जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर कुछ स्वाभाविक सवाल किए थे।”
– “यह घटना मेरे अध्ययन और खोज की सामान्य फॉलोअप थी। यह दिग्गजों की साख पर सवाल उठाने की मंशा से बिल्कुल नहीं किया गया था।”
– “फिर भी अगर ऐसा कुछ हुआ है तो मैं इसके लिए माफी चाहता हूं। धन्यवाद।”
– उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट कर पूछा कि आखिर दीनदयाल उपाध्याय की उपलब्धियां क्या हैं? इस पर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मंत्रालय से अटैच कर दिया। तायल कांकेर जिला पंचायत के सीईओ थे।
– बीते शुक्रवार को उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा- ‘वेबसाइटों में एकात्म मानववाद पर उपाध्याय के सिर्फ चार लेक्चर मिलते हैं। वह भी पहले से स्थापित आइडियाज थे।’
– ‘मुझे ऐसा कोई चुनाव याद नहीं जो उन्होंने जीता हो..और ना ही उनकी अपनी कोई विचारधारा रही।’
– ‘इतिहासकार रामचंद गुहा की पुस्तक मेकर्स ऑफ मॉडर्न इंडिया में आरएसएस के तमाम बड़े लोगों का जिक्र है लेकिन उसमें उपाध्याय कहीं नहीं।’
– ‘मेरी अकादमिक जानकारी के लिए कोई तो पंडित उपाध्याय के जीवन पर प्रकाश डाले।’
– पोस्ट से माहौल खराब होते देख आईएएस शिव अनंत तायल ने उसे डिलीट कर दिया।
– तायल ने माफी के लिए जो पोस्ट की उसमें लिखा- “मैंने सुबह में एक पोस्ट की थी जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर कुछ स्वाभाविक सवाल किए थे।”
– “यह घटना मेरे अध्ययन और खोज की सामान्य फॉलोअप थी। यह दिग्गजों की साख पर सवाल उठाने की मंशा से बिल्कुल नहीं किया गया था।”
– “फिर भी अगर ऐसा कुछ हुआ है तो मैं इसके लिए माफी चाहता हूं। धन्यवाद।”