नोटबंदी के बाद सरकार को पिछले साल के मुकाबले 275 करोड़ रुपए की चपत

नोटबंदी- का असर शराब की बिक्री और सरकार के खजाने पर भी पड़ रहा है. मध्यप्रदेश में नोटबंदी के बाद शराब की बिक्री में 33 प्रतिशत की गिरावट आई है. इससे सरकार का राजस्व कम हो रहा है. नोटबंदी के बाद सरकार को पिछले साल के मुकाबले 275 करोड़ रुपए कम राजस्व मिला है.
दरअसल, पुराने नोट बंद होने से केवल आम लोग नहीं बल्कि सरकार भी परेशान है. नोटबंदी की वजह से सरकार के खजाने पर मार पड़ रही है. प्रदेश में शराब की बिक्री 214 करोड़ रुपए घटने से अाबकारी करों में 33 फीसदी से ज्यादा की कमी आ गई है.
राज्य सरकार के खजाने को भरने में अहम भूमिका निभाने वाले आबकारी कर में नोटबंदी के बाद गिरावट का दौर जारी है. आंकडों के लिहाज से देखा जाए तो, पिछले साल नवंबर में सरकार को आबकारी कर से 639.03 करोड़ रुपए की राशि मिली थी. इस वर्ष अब तक सरकार के खजाने में सिर्फ 424.14 करोड़ रुपए आए है.
तीन सेक्टर बुरी तरह प्रभावित

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सरकार के खजाने को भरने में आबकारी, रजिस्ट्री और कमर्शियल टैक्स की अहम भूमिका रहती है. आबकारी की तरह रजिस्ट्री से होने वाले राजस्व भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पिछले साल के मुकाबले रजिस्ट्री से होने वाली सरकार की आय भी 16 प्रतिशत कम हुई है.
तीनों सेक्टरों को मिलाकर सरकार को पिछले साल के मुकाबले 275 करोड़ रुपए का राजस्व क
म मिला है.
वित्त मंत्री बोले, नोटबंदी से घटा सरकार का राजस्व
प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने स्वीकारा है कि नोटबंदी की वजह से सरकार का राजस्व घटा है. उन्होंने कहा कि आबकारी, पंजीयन और वाणिज्यिक कर से होने वाली आय में कमी आई है.
वित्त मंत्री ने स्वीकारा कि उद्योग व्यापार की गतिविधियां धीमी हुई हैं.

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