बिहार- में शराबबंदी के सख्त कानून को लेकर विपक्ष के हमलावर रूख के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले लोक संवाद में लोगों की राय जानी और आज यानि मंगलवार को सर्वदलीय बैठक करने जा रहे हैं.
बैठक में सभी दल के नेताओं खासकर विपक्ष से सीएम सुझाव लेंगे कि कैसे सख्त कानून में सुधार किया जाये. शराबबंदी से किसी तरह समझौता नहीं करने के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सभी दल के प्रमुख नेताओं से राय मशवरा करेंगे उनसे सुझाव लेंगे कि बिना शराबबंदी से समझौता किये सख्त कानून में कैसे राहत दिया जाये.
हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव इसे लोगों के आंख में धूल झोंकने का बहाना बता रहे हैं. नंद किशोर यादव का कहना है कि लोगों में शराबबंदी के सख्त कानून को लेकर नाराजगी है उसे कम करने का नीतीश कुमार बहाना खोज रहे हैं जबकि विपक्ष ने पहले ही दोनों सदनों में शराबबंदी का समर्थन किया है.
महागठबंधन के नेता सरकार का बचाव करते रहे हैं. कांग्रेस के विधान पार्षद दिलीप चौधरी का कहना है कि विपक्ष शराबबंदी कानून को तालिबानी कानून कहती है तो उपाय बताये कि बिना शराबबंदी से समझौता किये कैसे इसमें सुधार किया जाये. बीजेपी के सिर्फ बोलने से तो कोई उपाय नहीं होगा इसलिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी है ताकि वे अपनी बात रखें.
शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नरम हुए हैं उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने पिछले दिनों विज्ञापन निकाला था जिसमें 12 नवंबर तक सुझाव मांगा गया था बड़ी संख्या में लोगों ने सुझाव दिये हैं. खासकर सामूहिक जुर्माना और पारिवारिक सजा को लेकर नाराजगी लोगों ने जताया है साथ कई लोगों ने कुछ शर्तों के साथ शराब पीने की छूट देने का भी आग्रह किया है.
14 नवंबर को जब मुख्यमंत्री ने लोक संवाद किया था तो उसमें भी ये सब मुद्दे उठे थे मुख्यमंत्री ने तब साफ कह दिया था पूर्ण शराबबंदी से कोई समझौता नहीं होगा. ऐसे में देखना है कि सर्वदलीय में आये नेताओं के किस तरह का सुझाव मिलता है और सरकार किस तरह उस पर अमल करती है.
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