सीएम नीतीश कुमार: बिहार के लोगों से ‘शराबबंदी’ पर जानेगें आम आदमी की राय

बिहार के सीएम नीतीश कुमार प्रदेश में लागू शराबबंदी कानून के प्रावधानों को बेहतर करने के लिए आज आम लोगों से सुझाव ले रहे हैं। नीतीश लोक संवाद कार्यक्रम में भाग लेने आज सुबह 11 बजे संवाद कक्ष पहुंचे जहां वे पचास लोगों के साथ बैठकर इस कानून की विभिन्न धाराओं में बदलाव से संबंधित सुझावों को सुन रहे हैं।
लोकसंवाद में नहीं पहुंची भाजपा
शराबबंदी कानून पर लोक संवाद कार्यक्रम में विपक्षी दल भाजपा के किसी भी सदस्य के नहीं पहुंचने को लेकर जदयू नेता श्याम रजक ने निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं को भी लोक संवाद में शामिल होना चाहिए था। वहीं मुख्यमंत्री के लोक संवाद कार्यक्रम में विपक्ष के शामिल नहीं होने पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि विपक्ष अपनी बात पर कभी कायम नहीं रहता।
कानून के प्रावधानों के साथ, आम लोगों से मिल रहे सुझाव
इसमें कानून के कई प्रावधानों का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोग भी सुझाव दे रहे हैं, इनमें से जो सुझाव कानून के लिए उपयोगी होंगे, उन्हें इसमें शामिल किया जायेगा। अगर जरूरत पड़ी, तो सर्वदलीय बैठक भी बुलायी जा सकती है। गौरतलब है कि शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा था – हम सिर्फ सुझाव मांग रहे
शराबबंदी कानून पर प्रदेश सरकार के पीछे हटने की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही कहा है कि कानून को ‘सरल’’ करने की बात नहीं हो रही, हम सिर्फ सुझाव मांग रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने दो अक्तूबर से जो शराबबंदी कानून लागू किया है, उसे बिहार विधानमण्डल ने पारित किया है तथा राज्यपाल ने अपनी सहमति प्रदान की है। लेकिन आप जानते हैं कि जब कोई चीज लायी जाती है तो पक्ष में चाहे जितना बड़ा समूह हो उसकी मुखालफत करने वाले लोग भी होते हैं।
मांगा था सुझाव, विपक्ष ने नहीं दिया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘शुरू में मजाक बनाने वाले और बाद में विरोध करने वालों ने हमेशा इस बात को आधार बनाया कि कानून के प्रावधान ड्रैकोनियन हैं। कुछ लोग इनकी आलोचना कर रहे हैं और करते रहेंगे। लेकिन मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वे इसे बेहतर बनाने के लिए अपना सुझाव दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि कानून ड्रैकोनियन या तालिबानी है तो इसको नन ड्रैकोनियन और गैर तालिबानी करने के लिये क्या करना चाहिये, यह सुझाव मैंने बार-बार मांगा। लेकिन उनकी तरफ से कोई सुझाव नहीं आया।
सबसे सहयोग की अपील की थी
नीतीश ने कहा, ‘‘लोगों से 12 नवंबर तक सुझाव देने को कहा गया है। मेरी इच्छा है कि 14 नवंबर को सचिवालय पर संवाद आयोजित कर लोगों से सुझाव मांगा जाए। हम लोगों की भावना का आदर करते हैं यह बहुत बड़ा काम हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि इस काम में सबका सहयोग मिलना चाहिये।
मैं उन लोगों को भी अवसर देता हूं जो इसका विरोध कर रहे हैं। वे शराबबंदी से समझौता किये बगैर अपने सुझाव दें कि किन बिन्दुओं पर उन्हें ऐतराज है। यह नहीं चलेगा कि आप शराबबंदी के खिलाफ हैं इसलिये किसी न किसी प्रकार से आप इसकी आलोचना करें।’’
कहा था – शराबबंदी पूरी मजबूती से लागू रहेगा
नीतीश ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू हुआ है और पूरी मजबूती से लागू रहेगा। शराबबंदी के सामाजिक एवं आर्थिक प्रभावों का हम अध्ययन भी करवा रहे हैं।उन्होंने कहा कि हम स्वामी विवेकानंद जी की कथनी में विश्वास करते हैं कि जब कोई अच्छा काम करेंगे तो लोग पहले मजाक उड़ायेंगे, फिर विरोध करेंगे और अंत में सब साथ आ जायेंगे। अब दो दौर गुजर चुके हैं अब हम तीसरे दौर में हैं

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