महुआ (वैशाली).जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सर्च अभियान के दौरान आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए राजीव राय के पार्थिव शरीर को देखते ही पूरा चखाजे गांव रो पड़ा। शहीद की शव यात्रा में शामिल होने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। बताया जा रहा है कि राजीव LOC पर साथी सैनिकों को कवर फायर दे रहे थे उसी दौरान दुश्मन की गोलियां उनके सीने में लगीं।
शहीद की मां बोली- पोता जवान होता, तो उसे भी भेज देती दुश्मनों से लड़ने…
– राजीव की वृद्ध मां कौशल्या देवी ने कहा-देश के लिए मैंने अपना लाल खो दिया। दो पुत्रों को सेना में पहले ही दिया है।
– पोता सयाना होता तो उसे भी देश की सेवा के लिए भेज देती। उनका एक और बेटा संतोष भी सेना में है।
बेटा शहीद हुआ तो मां ने खो दिया सुध-बुध
– राजीव 19 वर्षों से आर्मी में सेवा दे रहे थे। वह उधमपुर में तैनात थे।
– पाकिस्तान से लगती सीमा पर आतंकियों के घुसपैठ की जानकारी सेना को मिली थी।
– आतंकियों के नापाक मंसूबे पर पानी फेरने के लिए सेना ने त्वरित कार्रवाई की।
– सर्च अभियान के दौरान आतंकियों ने हमला बोल दिया था। राजीव अपनी जान की परवाह करते हुए आतंकियों पर टूट पड़े।
– साथियों को कवर करते हुए आगे बढ़ रहे थे। कई गोलियां बदन में धंस चुकी थीं। जब तक सांस थी दुश्मनों पर वार करते रहे।
– आखिरकार मातृभूमि की रक्षा करते चिरनिद्रा में सो गए।
– पाकिस्तान से लगती सीमा पर आतंकियों के घुसपैठ की जानकारी सेना को मिली थी।
– आतंकियों के नापाक मंसूबे पर पानी फेरने के लिए सेना ने त्वरित कार्रवाई की।
– सर्च अभियान के दौरान आतंकियों ने हमला बोल दिया था। राजीव अपनी जान की परवाह करते हुए आतंकियों पर टूट पड़े।
– साथियों को कवर करते हुए आगे बढ़ रहे थे। कई गोलियां बदन में धंस चुकी थीं। जब तक सांस थी दुश्मनों पर वार करते रहे।
– आखिरकार मातृभूमि की रक्षा करते चिरनिद्रा में सो गए।
मातम में बदल गई दीपावली की खुशी
– राजीव की शहादत की खबर घर वालों को अगले ही दिन शनिवार को मिल गई थी।
– अपने लाल की शहादत की खबर से पूरा गांव सन्न रह गया था।
– सभी दीपावली की तैयारी में जुटे थे। दीपावली की खुशी मातम में तब्दील हो गई।
– हर कोई राजीव का शव गांव आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था। दीपावली पर पूरा गांव अंधकार में डूबा रहा।
– सोमवार की सुबह करीब आठ बजे आर्मी अफसर के साथ करीब डेढ़ दर्जन जवान शव लेकर शहीद जवान के घर पहुंचे।
– अपने शहीद लाल के अंतिम दर्शन को पंचायत आसपास के गांव के लोग उमड़ पड़े। सोमवार की शाम शहीद के लिए श्रद्धांजलि के दीप जलाए गए।
– राजीव की शहादत की खबर घर वालों को अगले ही दिन शनिवार को मिल गई थी।
– अपने लाल की शहादत की खबर से पूरा गांव सन्न रह गया था।
– सभी दीपावली की तैयारी में जुटे थे। दीपावली की खुशी मातम में तब्दील हो गई।
– हर कोई राजीव का शव गांव आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था। दीपावली पर पूरा गांव अंधकार में डूबा रहा।
– सोमवार की सुबह करीब आठ बजे आर्मी अफसर के साथ करीब डेढ़ दर्जन जवान शव लेकर शहीद जवान के घर पहुंचे।
– अपने शहीद लाल के अंतिम दर्शन को पंचायत आसपास के गांव के लोग उमड़ पड़े। सोमवार की शाम शहीद के लिए श्रद्धांजलि के दीप जलाए गए।
काफी मिलनसार था राजीव
– गांव के लोगों को राजीव के खोने का गम है। एक फौजी वाला रूआब गांव आते ही वह भूल जाता था।
– छुट्टी आते ही हर किसी से मिलजुल कर हाल, समाचार पूछता था।
– गांव वाले बताते हैं कि वह गांव और आसपास के युवकों को मार्गदर्शन भी देते थे।
– बचपन से ही होनहार होने के साथ राजीव निडर भी थे। करियर के रूप में उन्होंने आर्मी को चुना।
– खुद के साथ अपने छोटे भाई संतोष को पूरी ट्रेनिंग देकर आर्मी ज्वाइन कराया।
– गांव के लोगों को राजीव के खोने का गम है। एक फौजी वाला रूआब गांव आते ही वह भूल जाता था।
– छुट्टी आते ही हर किसी से मिलजुल कर हाल, समाचार पूछता था।
– गांव वाले बताते हैं कि वह गांव और आसपास के युवकों को मार्गदर्शन भी देते थे।
– बचपन से ही होनहार होने के साथ राजीव निडर भी थे। करियर के रूप में उन्होंने आर्मी को चुना।
– खुद के साथ अपने छोटे भाई संतोष को पूरी ट्रेनिंग देकर आर्मी ज्वाइन कराया।
पोते को भी भेजेंगे फौज में
-80 वर्षीय पिता मकसूदन राय और वृद्धा मां कौशल्या देवी ने पुत्र वियोग में सुध-बुध खो दिया है।
– माता-पिता के साथ ही पत्नी संगीता देवी रह-रह कर बेहोश हो जा रही हैं।
– पुत्र की शहादत से टूट जरूर गए हैं पर हौसला नहीं खोया है।
– वृद्ध पिता मां ने कहा कि राजीव पुत्र सत्यजीत के रूप में अपनी निशानी छोड़ गए हैं।
– पोता सत्यजीत को भी फौज में भेजेंगे, ताकि उसे देखकर पुत्र राजीव के होने का अहसास होता रहे।
-80 वर्षीय पिता मकसूदन राय और वृद्धा मां कौशल्या देवी ने पुत्र वियोग में सुध-बुध खो दिया है।
– माता-पिता के साथ ही पत्नी संगीता देवी रह-रह कर बेहोश हो जा रही हैं।
– पुत्र की शहादत से टूट जरूर गए हैं पर हौसला नहीं खोया है।
– वृद्ध पिता मां ने कहा कि राजीव पुत्र सत्यजीत के रूप में अपनी निशानी छोड़ गए हैं।
– पोता सत्यजीत को भी फौज में भेजेंगे, ताकि उसे देखकर पुत्र राजीव के होने का अहसास होता रहे।