पाकिस्तान-प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कल कहा कि पाकिस्तान भारत की ‘चालों’ से आतंकित नहीं हो सकता और उसके संयम को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए. शरीफ ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि उनके देश में किसी भी सैन्य कार्रवाई से अपनी हिफाजत करने की पूरी क्षमता है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत की गोलीबारी की स्थिति में पूरा संयम बरत रहा है जिसे हमारी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए.
सात पाकिस्तानी जवानों की मौत पर दुख प्रकट करते हुए शरीफ ने कहा कि भारतीय बलों द्वारा एलओसी पर जानबूझकर तनाव बढ़ाने से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा है.
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘यह कश्मीर में भारतीयों के अत्याचार से दुनिया का ध्यान हटाने की भारतीय अधिकारियों की व्यर्थ कोशिश भी है.’’ शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की कि एलओसी पर संघर्ष विराम उल्लंघन का संज्ञान लें. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सशस्त्र बल गोलीबारी की शुरूआत नहीं करते लेकिन किसी भी हमले का जवाब मुंहतोड़ तरीके से देंगे.’’
सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने सैनिकों को आदेश दिया था कि एलओसी पर भारत की गोलीबारी का प्रभावी तरीके से जवाब दिया जाए.
इससे पहले विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने नवाज शरीफ को बताया कि भारत की ओर से गोलीबारी और गोलेबारी बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि गोलीबारी की हालिया घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो गयी और 107 लोग घायल हो गये. यह 2003 के संघषर्-विराम समझौते और अंतरराष्ट्रीय कानून का पूरी तरह उल्लंघन है.
शरीफ को हाल ही में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान-अमेरिका के संबंधों पर भी जानकारी दी गयी. अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने की बात दोहराते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच सात दशकों से मजबूत और रणनीतिक साझेदारी है.
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान, क्षेत्र में और उससे परे शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए नवनिर्वाचित सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहता है.’’ पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल नासिर खान जांजुआ और अन्य सरकारी अधिकारी बैठक में मौजूद थे.