मुम्बई, 22 जनवरी। मुम्बई उपनगर के विक्रोली पूर्व में शुश्रुषा सिटीजन्स को-ऑपरेटिव अस्पताल की निर्माणाधीन इमारत में राजेंद्र गौतम (23) संदिग्ध अवस्था में मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। मृतक के पिता शीतलाप्रसाद गौतम ने अब अपने बेटे की हत्या किए जाने का अंदेशा जताया है। जबकि विक्रोली पुलिस व एसीपी डी.बी. मोरे इस मामले को आत्महत्या करार दे रहे हैं। एसीपी मोरे ने तो बिना जांच पड़ताल के कह दिया है कि यह आत्महत्या का मामला है। मृतक के पिता ने घटना के 11 दिन बाद भी न्याय की आस में अंतिम संस्कार नहीं किया है।गौरतलब है कि मुंबई उपनगर के मुलुंड में रहने वाले डब्बू जयराम गौतम ने अपनी बहन की शादी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में रहने वाले शीतलाप्रसाद गौतम के लड़के राजेंद्र से की थी।
राजेंद्र गौतम अहमदाबाद में रहकर जीविकोपार्जन करता था। उसके साले डब्बू गौतम ने राजेंद्र को अहमदाबाद (गुजरात) से मुम्बई काम करने के लिए बुलाया। राजेंद्र गौतम सात जनवरी को मुंबई आया और 11 जनवरी की रात में उसकी संदेहास्पद अवस्था में मौत हो गई। 12 को डब्बू ने शीतलाप्रसाद गौतम को फोन करके बताया कि तुम्हारे लडके की मौत हो गई है और लडके की मौत की खबर पाकर वे मुंबई आए।
पुलिस ने एडीआर के तहत मामला दर्ज करके रफादफा करने की नियत से उनसे शव लेने का बयान लेकर अस्पताल भेज दिया। पर उनको शक हुआ और मदद के लिए वे किसी के माध्यम से अन्याय निवारण कृति समिति के मुंबई अध्यक्ष अनिल राठौड के पास पहुंचे। इसके बाद शीतलाप्रसाद गौतम ने पुलिस से मौका-ए-वारदात की फोटो, पंचनामा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगा, पर वह देने से कतरा रही है। साथ ही मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
अन्याय निवारण कृति समिति महाराष्ट्र के मुंबई अध्यक्ष अनिल राठौड ने इस मामले एक पत्र लिखकर घटना की जांच करने की मांग करते हुए कहा है कि बिल्डर, सुपरवाइजर, इंजीनियर पिंटू, साले डब्बू जयराम गौतम के ऊपर हत्या का मामला दर्ज कर गरीब बाप को न्याय दिलाया जाए।