कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में नारी सशक्तीकरण की मिसाल दिखी। डिग्री व पदक पाने में बेटियों ने बाजी मारी। पीएचडी से लेकर स्नातक तक मेधावियों को दिए जाने वाले स्वर्ण व रजत पदकों में छात्राओं का नाम आगे रहा। राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन से मोबाइल पर दिए गए अपने अध्यक्षीय भाषण में इस बात पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने इसका आकलन किया है।
विश्वविद्यालय के 31वें दीक्षा समारोह में संबद्ध 1250 कालेजों के 3.24 लाख विद्यार्थियों को डिग्री मिली है। इनमें 1.61 लाख छात्र जबकि 1.63 लाख छात्राएं हैं। पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं ने छात्रों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। स्नातक व स्नातकोत्तर के मेधावियों को दिए गए कुलाधिपति स्वर्ण व रजत समेत अन्य पदकों में छात्राओं की संख्या 60 है, जबकि छात्रों को 18 पदक मिले हैं। जहां एक ओर डिग्री प्राप्त करने वाली छात्राओं का अनुपात 50.3 फीसद व छात्र 49.7 फीसद हैं, वहीं दूसरी ओर पदक प्राप्त करने वाली छात्राएं 77 फीसद व छात्र 23 फीसद हैं। इस अंतर को देखते हुए कुलाधिपति राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि छात्रों के लिए यह खतरे की घंटी है।
1474 डिग्रियां व 66 स्वर्ण पदक दिए गए :
विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में कुलपति प्रो. जेवी वैशंपायन, प्रति कुलपति प्रो. आरसी कटियार व कुलसचिव रामचंद्र अवस्थी ने स्नातक, स्नातकोत्तर व पीएचडी के छात्रों को 1474 डिग्रियां प्रदान की गई। इनमें 101 पीएचडी की डिग्रियां थीं। इसके अलावा कुलाधिपति स्वर्ण, कांस्य, रजत व कुलपति स्वर्ण के अलावा मेधावियों को 66 पदक दिए गए।
कुलाधिपति स्वर्ण समेत श्रुति मिश्रा को मिले छह पदक :
समारोह में दयानंद गर्ल्स डिग्री कालेज से एमए संगीत की छात्रा श्रुति मिश्रा को समस्त संकायों में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के लिए कुलाधिपति स्वर्ण पदक से नवाजा गया। उन्हें समस्त संकायों की स्नातकोत्तर कक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी व विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ छात्र के लिए उन्हें कुलाधिपति रजत पदक दिया गया। इसके अलावा कला संकाय में स्नातकोत्तर परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के लिए कुलाधिपति कांस्य, कला संकाय में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के लिए कुलपति स्वर्ण पदक देने के साथ एक प्रायोजित पदक भी दिया गया