बुलंदशहर गैंगरेप केस में हिदायत के साथ आजम खां का माफीनामा मंजूर!

बुलंदशहर गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट में आजम के बयान के मामले में सुनवाई थी। आजम खां की ओर से दाखिल माफीनामे के ड्राफ्ट हलफनामे पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सवाल उठाया था।

 

 लखनऊ. बुलंदशहर गैंगरेप केस में आज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां का माफीनामा मंजूर कर लिया। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने आजम को इस तरह की बयानबाजी न करने की हिदायत देने के साथ ही पीडि़त पक्ष से बिना शर्त के माफी मांगने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट से यूपी के मंत्री आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से राहत। आजम खां ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफ़ी मांगी।

सुप्रीम कोर्ट ने माफ़ी मंजूर की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिर कोई नेता ऐसा कोई विवादित बयान अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर न दे। यह एक बहस का विषय है। कोर्ट इस तरह के मामलों को लेकर बयानबाजी में लक्ष्मण रेखा तय करने के लिए कोर्ट आगे भी मामले की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त मामल में बहस में मदद के लिए एजी को आग्रह किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी ।

बुलंदशहर गैंगरेप मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में आजम खां के बयान के मामले में सुनवाई थी। पिछली सुनवाई में आजम खां की ओर से दाखिल एक माफीनामे के ड्राफ्ट हलफनामे पर केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सवाल उठाया था। रोहतगी का कहना था कि माफीनामे के ड्राफ्ट हलफनामे की भाषाशैली में अंतर है। जबकि इसके पहले हुई सुनवाई के दौरान आजम खां ने बिना शर्त माफी मांगने की बात कही थी। इसके बाद जज ने आजम खां के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि माफीनामा में किंतु और परंतु जैसे शब्द इस्तेमाल क्यों किए गए हैं, जबकि माफीनामा सिर्फ माफी होता है। इस पर सिब्बल ने दोबारा हलफनामा दायर करने के लिए 12 दिसंबर तक का समय मांगा था।

बुलंदशहर में एनएच -91 के पास 29 जुलाई की रात मां और उसकी 14 साल की नाबालिग बेटी से गैंगरेप किया गया था। 17 नवंबर को हुई सुनवाई में आजम खां को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी। कोर्ट ने आजम खां को निर्देश दिया था कि वे कोर्ट में अपना माफीनामा दायर करें। कोर्ट ने उनसे पीडि़त से बिना शर्त माफी मांगने को कहा था, जिसके लिए आजम तैयार भी हो गए थे।

कोर्ट ने कहा कहा था कि आप एफिडेविट में लिखिए कि आपका इरादा पीडि़त को दुख पहुंचाने का नहीं था, लेकिन अगर फिर भी उन्हें दुख पहुंचा है या वे अपमानित महसूस करते हैं तो वो (आजम खां) बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं।

आजम ने क्या कहा था एफिडेविट में

आजम खां ने एफिडेविट के साथ एक सीडी भी कोर्ट को सौंपी थी। एफिडेविट में कहा था कि मैं कई साल से समाजसेवा में हूं और यूनिवर्सिटी भी बनाई है, जो महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम करती है। मैंने ये कभी नहीं कहा कि ये मामला राजनीतिक साजिश है। मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। दाखिल की गई अर्जी में सारे आरोप बेबुनियाद हैं। अर्जी को खारिज की जाए।

इसके बाद कोर्ट ने आजम को फटकार लगाई और बिना शर्त माफी मांगने को कहा। कोर्ट ने आजम से कहा था कि आरोप पर जवाब दीजिए। आजम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि खां ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था कि गैंगरेप राजनीतिक साजिश है। उनके कई बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि आप आरोप का जवाब दीजिए। इतने सारे अखबार कैसे गलत खबर छाप सकते हैं। प्रेस की भी देश के प्रति जवाबदेही होती है।

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