होटल मैनेजमेंट से संवार सकते हैं अपना करियर

जयपुर। होटल इंडस्ट्री हर उस व्यक्ति के लिए तैयार है, जो स्वागत सत्कार के गुणों के साथ अपने कॅरियर को संवारना चाहता है। यदि आप उस दुनिया में जाना चाहते हैं, जहां एक तरफ आधुनिकता का स्वर्ग फैला है और दूसरी तरफ कॅरियर की बुलंदियां हैं तो देर किस बात की। होटल मैनेजमेंट का कोर्स करिए और निकल पडि़ए सेवा सत्कार के उस अभियान पर जहां पैसा भी है, नई-नई जगहों पर जाने का अवसर भी। इस इंडस्ट्री में जाने लायक काबिलियत हासिल करना कठिन काम भी नहीं है। अपने मन मुताबिक फील्ड का चुनाव करें, पढ़ें, प्रैक्टिकल अनुभव लें और कॅरियर की शुरुआत करें। आने वाले दस सालों में होटल इंडस्ट्री में कॅरियर की अपार संभावनाएं हैं।

योग्यता
इन पाठ्यक्रमों को करने के लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड या यूनिवर्सिटी से 12वीं या समकक्ष उत्तीर्ण होना जरूरी है। 12वीं में अंग्रेजी अनिवार्य विषय के रूप में होनी चाहिए। न्यूमेरिकल एबिलिटी, सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान की जानकारी भी बेहद जरूरी है। साथ ही हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री की समझ हो तो बेहतर है। इस इंडस्ट्री में कामयाब होने के लिए व्यक्तिगत गुणों का होना भी जरूरी है जैसे मृदुभाषी, धैर्यवान, सेवा सत्कार करने वाला।
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कौन-कौनसे हैं कोर्स
इसमें कई पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। जैसे बेकरी एंड कंफेक्शनरी या होटल रिसेप्शन एंड बुक कीपिंग या रेस्तरां व काउंटर सर्विस में एक साल का डिप्लोमा, होटल मैनेजमेंट एंड कैटङ्क्षरग टेक्नोलॉजी में चार साल की स्नातक डिग्री, होटल मैनेजमेंट में तीन साल की बीएससी हॉस्पिटेलिटी एंड टूरिम मैनेजमेंट में तीन साल का बीए, एनसीएचएमसीटी और इग्नू का संयुक्त & वर्षीय बीएससी प्रोग्राम इन हॉस्टिपटेलिटी एंड होटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स।
मैनेजर
होटल का सारा काम सुचारू रूप से चले और अतिथियों को किसी तरह की तकलीफ या परेशानी न हो यह काम मैनेजर के कंधे पर ही होता है। उन्हें ही यह सुनिश्चित करना होता है कि हाउसकीपिंग ठीक हो, किचन में कोई रुकावट न हो, अतिथियों को समय पर उनके द्वारा मांगी गई चीजें मिल जाएं आदि।
फ्रंट ऑफिस
फ्रंट ऑफिस वह जगह है, जहां सबसे पहले अतिथि आते हैं। वहां उनके लिए कमरे की उपलब्धता बताने से लेकर कमरे में ले जाने तक का काम करना होता है। अतिथियों के लिए कोई संदेश या सूचना आती है तो उन्हें पहुंचाना इनकीजिम्मेदारियों के दायरे में आता है। यहीं पर रिसेप्शन होता है।
फूड एंड बेवरेज
यह विभाग खान-पान की व्यवस्था देखता है। इसके तीन हिस्से होते हैं- एक खाने का ऑर्डर लेता है, दूसरा खाना पकाता है और तीसरा उसे परोसता है। यह महत्वपूर्ण विभाग होता है क्योंकि सब कुछ ठीक हो और खाना ठीक न हो तो होटल की साख खराब होती है और लोग आने से कतराने लगते हैं।
हाउसकीपिंग
चाहे कमरा हो, लॉबी, बैंक्वेट हॉल हों या रेस्तरां हो, चारों ओर सलीका और सफाई दिखनी चाहिए। इसमें जो बेहतर होगा, गेस्ट उसे ही पसंद करेंगे। यह सारा काम एक्जीक्यूटिव हाउसकीपर की निगरानी में पूरा होता है। यह काम चौबीसों घंटे का होता है, इसलिए इस विभाग में लोग पारियों में काम करते हैं।
मार्केटिंग
होटल में क्या-क्या और किस स्तर की सेवाएं व सुविधाएं हैं, उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मार्केटिंग विभाग की होती है। तरह-तरह के पैकेज तैयार कर ग्राहकों को आकर्र्षित करना इनका काम होता है। पैकेजिंग जितनी बेहतर होगी, उतने ही गेस्ट आएंगे। इस विभाग की अहमियत काफी बढ़ गई है।
कहां-कहां है अवसर
रेस्तरां या फास्ट फूड वॉइंट, क्रूज शिप, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन एंड कैटङ्क्षरग, इंस्टीट्यूशनल एंड इंडस्ट्रियल कैटङ्क्षरग, एयरलाइन कैटङ्क्षरग, होटल एंड कैटङ्क्षरग इंस्टीट्यूट्स, रेलवे, बैंक या अन्य बड़े संस्थानों में कैंटीन। इन सब जगह अ’छे मौके हैं।
प्रमुख संस्थान
1- नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, नोएडा
2- इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली
3- एलबीआईआईएचएम, पीतमपुरा, नई दिल्ली
4- क्रिश्चियन मेडिकल स्कूल, वैल्लूर, तमिलनाडु
6- कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, टूरिम एंड होटल मैनेजमेंट विभाग, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

 

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