जमेशदपुर के पूर्वी सिंहभूम जिले में सितंबर महीने के दौरान करीब 10 हजार महिलाओं का प्रसव घर में ही हुआ। यही नहीं, करीब तीन हजार बच्चों को टीका नहीं लगाया जा सका। इस मामले का खुलासा स्वास्थ्य विभाग की ही रिपोर्ट से हुआ है।
उपायुक्त अमित कुमार ने गुरुवार को डीसी ऑफिस सभागार में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में इसकी जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ ही 18 से 28 अक्तूबर के बीच विशेष अभियान चलाकर सभी छूटे बच्चों के पूर्ण प्रतिरक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
नवजात से एक साल तक के बच्चों के पूर्ण प्रतिरक्षण कार्यक्रम को उपायुक्त ने असंतोषजनक माना है। लक्ष्य की तुलना में 16 प्रतिशत बच्चों को टीका नहीं लगा और न ड्रॉप पिलाया जा सका।
संस्थागत प्रसव पर जोर
उपायुक्त ने हर प्रसव जिले के अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में ही करने (संस्थागत प्रसव) पर एक बार फिर जोर दिया है। उन्होंने नवंबर में प्रसव तिथियों को ध्यान में रखकर ऐसी सूची बनाने के लिए कहा है जिसमें प्रसूता के नाम उसके पता और उसके समीपवर्ती स्वास्थ्य केन्द्र का नाम हो।
आंगनबाड़ी सेविका और साहिया यह सूची बनाकर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सौंप देंगीं। कोशिश यह है कि कोई भी गर्भवती संस्थागत प्रसव से वंचित नहीं रहे।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. एसके झा, मातृ शिशु कल्याण पदाधिकारी डॉ. महेश्वर प्रसाद, जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. साहिर पाल के अलावा सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शामिल हुए।