10km में फैला है जहाजों का ये कब्रिस्तान

कराची. पाकिस्तान का गदानी शिप ब्रेकिंग यार्ड मंगलवार को हुए हादसे के चलते खबरों में है। 10 किमी की दूरी में फैले जहाजों के इस कब्रिस्तान में क्रूज लाइनर और बड़े-बड़े टैंकर तोड़े जाते हैं। शिप भी कुछ औजारों के सहारे हाथ से ही तोड़े जाते हैं। इस मुश्किल काम के लिए वर्कर्स को सिर्फ दिनभर के 200 रुपए मिलते हैं।
हर साल तोड़े जाते हैं 100 से ज्यादा जहाज…
– कराची से 50 किमी दूर ये दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शिप ब्रेकिंग यार्ड है, जहां अभी 20 हजार इम्प्लॉई हैं।
– 1980 में ये दुनिया का सबसे बड़ा शिप ब्रेकिंग यार्ड हुआ करता था। अब भारत के अलंग शिपयार्ड के पास ये टाइटल है।
– गदानी शिपयार्ड में सालभर में सभी साइज के करीब 125 शिप तोड़े जाते हैं। इनमें सुपर टैंकर भी शामिल हैं।
– जो शिप भारत के अलंग शिपयार्ड और बांग्लादेश के चटगांव में छह महीने टूटता है, वो यहां 4 महीने में तोड़ दिया जाता है।
– सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने और एहतियात न बरते जाने के कारण यहां वर्कर्स अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।
– यहां काम करने वाले वर्कर मुहम्मद शकील ने बताया था कि यहां चाहे पैर टूट जाएं या फिर इंसान चाहे मर जाए, लेकिन काम नहीं बंद होता।
– शकील ने अपने दो भाइयों वकील और इस्माइल के साथ पिता के बदले यहां काम करना शुरू किया था।

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