नई दिल्ली। बिल्डर्स पर नकेल लगाने के लिए केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट एक्ट तो बना दिया, लेकिन ज्यादातर राज्य इसे लागू करने की पहली ही परीक्षा में फेल हो गए हैं। 29 राज्य डेडलाइन 31 अक्टूबर तक रियल एस्टेट एक्ट के रूल्स नहीं बना पाए हैं। केंद्र ने अब तक 5 केंद्र शासित क्षेत्रों के रूल्स नोटिफाई किए हैं, जबकि राज्यों में से केवल गुजरात ने ही रियल एस्टेट एक्ट के रूल्स नोटिफाई किए हैं, जिनकी कुल आबादी 6 करोड़ 25 लाख के आसपास है, इस तरह लगभग 115 करोड़ की आबादी को रियल एस्टेट एक्ट का और इंतजार करना पड़ सकता है।
किन राज्यों ने किया नोटिफाई
मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग ने 31 अक्टूबर की शाम को रियल एस्टेट एक्ट के रूल्स नोटिफाई किए, जो केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़, अंडमान एंड निकोबार, दादर एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव और लक्षदीप में लागू होंगे, जहां निर्वाचित सरकारें नहीं है। इन पांच क्षेत्रों की आबादी 20 लाख 87 हजार है। इसके अलावा गुजरात सरकार ने भी ये रूल्स नोटिफाई कर दिए हैं, जिसकी आबादी 6 करोड़ 4 लाख के आसपास है।
क्या थी डेडलाइन
संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट को एक मई 2016 से लागू कर दिया गया। नोटिफिकेशन में कहा गया था कि केंद्र व सभी राज्य सरकारें 6 माह के भीतर 31 अक्टूबर तक एक्ट के रूल्स बना देंगी। लेकिन 29 राज्यों की सरकारें इस डेडलाइन से चूक गई। इतना ही नहीं, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को राजधानी दिल्ली के लिए रूल्स बनाने थे, लेकिन शहरी विकास मंत्रालय रूल्स के ड्राफ्ट तक जारी नहीं कर पाया है।
एनसीआर को कब मिलेगा फायदा
गौरतलब है कि सबसे अधिक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स दिल्ली-एनसीआर में अटके हुए हैं। इसलिए यहां के होम बायर्स को रियल एस्टेट एक्ट का सबसे अधिक इंतजार है, लेकिन इसमें देरी होने की संभावना बन गई है। न तो उत्तर प्रदेश में रूल्स नोटिफाई हुए हैं और ना ही हरियाणा में। हालांकि लोगों के दबाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने पिछले सप्ताह ही रूल्स को मंजूरी दी है, लेकिन अब तक रूल्स का ड्राफ्ट जारी नहीं हो पाया है। इसी तरह हरियाणा भी दावा कर रहा था कि 31 अक्टूबर तक रूल्स नोटिफाई हो जाएंगे, लेकिन अब तक नहीं हो पाए हैं।
तो कब मिलेगी बायर्स को राहत
एक्ट में कहा गया है कि 6 माह के भीतर यानी 31 अक्टूबर 2016 तक रूल्स बन जाएंगे और एक साल के भीतर यानी 30 अप्रैल 2017 तक हर राज्य व केंद्र शासित क्षेत्र में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी बन जाएगी। जबकि तय डेडलाइन पर रूल्स ही नहीं बन पाए हैं तो अथॉरिटी बनने में देरी के आसार बन गए हैं और जब अथॉरिटी ही समय पर नहीं बनेगी तो बायर्स को कैसे राहत मिल सकती है।