20 दिन बंद रहेगा गोमती पुल, दरकने का खतरा!

लखनऊ.  गोमती बैराज पुल पर फिलहाल 20 दिन तो नहीं ही खुलेगा। सिंचाई विभाग के बड़बोले एक्सईएन व रिवर फ्रंट डवलपमेंट प्रभारी रूप सिंह यादव ने रविवार को दावा किया था कि सबकुछ ठीक है और सोमवार से पुल पर यातायात बहाल कर दिया जाएगा।

सोमवार को उन्होंने कहा कि अब मिट्टी हटाकर देखा जाएगा कि पुल को कहीं नुकसान तो नहीं पहुंचा। इस काम में 20 दिन लग सकते हैं। अगर पुल को ज्यादा नुकसान पहुंचा होगा तो कई महीने तक इसे बंद रखा जा सकता है।

पुल पर स्टील प्लेट्स को सरिये से वेल्ड कर बैरिकेडिंग कर दी गई है। ढहे बाढ़ कंट्रोल रूम का मलबा हटाना सिंचाई विभाग ने शुरू कर दिया है। समतामूलक चौराहे वाले छोर पर जमीन में आई दरारों से हुए नुकसान का पता लगाने के लिए खोदाई शुरू कर दी गई है।

गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत बनाए जा रहे अंडरपास से बाढ़ कंट्रोल रूम शनिवार को ढह गया था। रविवार को समतामूलक चौराहे के ओर भी तट की जमीन फट गई थी। अंदेशा जताया जा रहा है कि वाहनों की आवाजाही से पुल के दरकने का खतरा है। इसे रोकने के लिए पुल बंद रहेगा और सुधार कार्य करवाए जाएंगे।

गोमती बैराज के पास लोहे की चादर लगाकर बंद ‌क‌िया गया पुल

रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रभारी रूप सिंह ने दावा किया था कि पुल को सोमवार सुबह खोल दिया जाएगा, जो गलत साबित हुआ। सोमवार को करीब दो घंटे उन्होंने इंजीनियरों के साथ मौके का मुआयना किया।

अगले बीस दिन में पुल के किनारों पर धंसा मलबा और मिट्टी हटाए जाएंगे। ताकि आकलन हो सके कि क्या पुल को नुकसान हुआ है और हुआ है तो उसे कैसे सुधारा जाए? ऐसे में कम से कम अगले बीस दिन और नुकसान अधिक होने पर कई महीने तक के लिए यह बैराज पुल बंद किया जा सकता है।

जिला प्रशासन की टीम ने भी बैराज पुल के हालात की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में अंडर पास बना रहे ठेकेदार की गलती मानी जा रही है। यह रिपोर्ट मंगलवार को डीएम को दी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की जांच कर दोषियों की पहचान की जा सकेगी।

सूत्रों के अनुसार शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि अंडरपास जिस तरह से बनाया जा रहा है उसका तरीका ‘जिस डाल पर बैठे उसी को काटने जैसा’ रहा।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष और पुल के नीचे से अंडर पास बनाया जा रहा है, इसके लिए पुल के एक हिस्से की दोनों दीवारें पोपलेन मशीन से गिराई जा चुकी हैं। यहां बड़े स्तर पर पिछले एक साल से निर्माण जारी है

पुल बंद होने का कहीं भी नहीं लगाया बोर्ड

ललेकिन अब जब कक्ष ढह चुका है और समतामूलक चौराहे वाले छोर पर भी जमीन फट रही है, उससे पुल को खतरे की आशंका बेवजह नहीं है। सड़क बंद किए जाने की वजह से नागरिकों को 1090 चौराहे से घूमकर लोहिया पुल से निकना पड़ रहा है।

दूसरी ओर परिवर्तन चौराहे पर आ रहे अनजान नागरिक बैराज की ओर सर्किल पर घूम रहे हैं। तीन दिन से उन्हें कोई सूचना नहीं दी जा रही है कि आगे बैराज पुल बंद है, इसलिए लोहिया पथ पुल से ही निकलें। संगीत नाटक अकादमी के सामने यह जानकारी देता हुआ बोर्ड लगाया जा सकता है, लेकिन इतना भी नहीं किया जा रहा। इसका परिणाम यह हो रहा है कि परिवर्तन सर्किल पर लौट रहे लोगों का लोहिया पथ से आ रहे लोगों से टकराने के हालात बन रहे हैं। कारों और बाइक्स की वजह से भारी संख्या में वाहन इस जगह पर जमा हो रहे हैं।

Check Also

जयंत ने बीजेपी को दिया, जोर का झटका धीरे से !

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले,राष्ट्रीय राजनीति में मानो एक सैलाब सा ला दिया हो …