मुंबई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र की रहने वाली 24 हफ्ते की विवाहित गर्भवती महिला को गर्भपात की इजाजत दे दी है। महिला ने गर्भ में पल रहे भ्रूण में कई तरह की विकृतियों के चलते अदालत से गर्भपात की इजाजत मांगी थी। जानकारी के अनुसार डॉक्टरों ने जांच में पाया था कि महिला के होने वाले बच्चे का सिर नहीं बन पाया था।
बता दें कि मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने गर्भ जारी रखने पर महिला की जान को खतरा बताया था। कानूनन 20 हफ्ते से ज़्यादा के भ्रूण का गर्भपात तभी हो सकता है जब ऐसा न करने पर महिला की जान को खतरा हो।
मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार की सलाह को देखते हुए जस्टिस एस बोबड़े और एल नागेश्वर राव ने आज गर्भपात की मंजूरी दे दी। 22 साल की विवाहित महिला ने खुद इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मुंबई के उपनगर की रहने वाली यह महिला पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट में अपनी अर्जी लेकर आई थी। उसने अपनी अर्जी में कहा था कि डॉक्टरों के उसके होने वाले बच्चे का सिर पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है जो उसके लिए भी जानलेवा है।