कलेक्ट्रेट में वकीलों का हंगामा, ACM-SDM को लात-घूसों से पीटा!

लखनऊ.  राजधानी स्‍थित कलेक्ट्रेट परिसर शुक्रवार को अखाड़े में तब्दील हो गया। बताया जाता है कि कुछ वकीलों की एसडीएम सदर के कोर्ट क्‍लर्क अमित कुमार से कहासुनी हुई थी। बाद में विवाद इतना बढ़ा की जमकर मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान बीच-बचाव करने पहुंचे एसीएम थर्ड अनिकल कुमार मिश्रा और एसडीएम जयशंकर दुबे को वकीलों ने लात-घूसों से पीट दिया। आरोप है कि सीयूजी मोबाइल भी छीन लिया। इसके बाद आक्रोशित पीसीएस एसोसिएशन और मिनस्‍टीरियल एसोसिएशन ने दोषी वकीलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्‍ट्रेट सहित लखनऊ की सभी तहसीलों में हड़ताल पर बैठ गए।

जानकारी के अनुसार, कलेक्ट्रेट में दोपहर लगभग 2 बजे एसडीएम सदर की कोर्ट में (रूम नंबर 3) में अनुराग त्रिवेदी सहित दर्जनभर अन्य वकील बाबू अमित सिंह और पेशकार नरेंद्र सिंह के पास धारा 80 की फाइलों को लेकर आए। आरोप है कि करोड़ों की जमीन के मामले में जबरदस्ती तरीके से वे इन फाइलों पर जांच रिपोर्ट लगवाकर काम करवाना चाहते थे। कर्मचारियों का आरोप है कि अमित ने चालान को लेकर जांच कराने की बात कही तो अनुराग, कुलदीप वर्मा व अन्य वकीलों ने अमित और नरेंद्र सिंह के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके साथ ही एसडीएम कोर्ट में मौजूद दीवान राजेश पांडेय की भी धुनाई कर दी। इस दौरान अन्य वकील भी वहां आ पहुंचे।

पिटाई करने की नियत से आए थे वकील

शोरगुल सुनकर एडीएम टीजी अशोक कुमार ने एसीएम 3 अनिल कुमार सिंह से मामले को देखने को कहा। वह मौके पर पहुंचे तो देखा कि वकील अनुराग त्रिवेदी सहित उसके साथी अमित सिंह, नरेंद्र सिंह और राजेश पांडेय की पिटाई कर रहे थे। आरोप है कि एसीएम ने अपना मोबाइल निकालकर वीडियोग्राफी करने की कोशिश की, जिस पर अनुराग त्रिवेदी ने अन्य वकीलों के साथ मिलकर लात-घूसों से पिटाई शुरू कर दी। यही नहीं, जब एसीएम 3 अनिल कुमार सिंह ने अपना परिचय दिया तो भी वे नहीं माने और उनके ऊपर कुर्सी से हमला कर दिया। एसडीएम के कमरे में पिटाई के बाद उन्हें घसीटते हुए बाहर लाए और वहां भी उन्हें पीटा गया।
एडीएम से भी की मारपीट
जानकारी मिलने पर एडीएम वेस्ट जय शंकर दुबे मौकेपर पहुंचे तो वकीलों ने उनसे भी अभद्रता की और मारपीट शुरू कर दी। इस पर उन्होंने वकील अनुराग त्रिवेदी और प्रसून को पकड़ लिया और सिटी मजिस्ट्रेट के कमरे में ले गए। लेकिन सैकड़ों की संख्‍या में पहुंचे वकीलों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और इंस्पेक्टर सहित अन्य पुलिस वालों के सामने ही वकीलों को जबरन ले गए। आरोप है कि चौकी इंचार्ज अनुराग की मदद से वकील भागने में कामयाब रहे। मामले की सूचना पुलिस के बड़े अधिकारियों को दी गई, लेकिन हमले के करीब एक घंटे बाद ही पुलिस के अधिकारी वहां पर पहुंचे, तब तक सब भाग चुके थे।

अधिकारियों और कर्मचारियों ने की हड़ताल
वकीलों की मारपीट के बाद कलेक्ट्रेट में कामकाज ठप हो गया। काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। एडीएम ईस्ट, वेस्ट, एफआर, लैंड एक्वीजीशन और एसडीएम सदर राजकमल यादव सहित अन्य अधिकारी कलेक्ट्रेट में कई घंटे तक मामले में बैठक करते रहे और सीसीटीवी भी लगाई गई। इसके बाद एसीएम 3 की तरफ से पुलिस को तहरीर दी गई। वकीलों का इस मामले में आरोप है कि कर्मचारी पैसा मांग रहे थे।

पीसीएस अफसरों ने कहा- आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी के बाद ही करेंगे काम
कलेक्ट्रेट के सभी एडीएम, एसडीएम, एसीएम व अन्य अधिकारियों ने कहा कि जब तक आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, वे काम काज नहीं करेंगे। एडीएम प्रशासन हरिकेश चौरसिया और एडीएम फाइनेंस निधि श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले की जानकारी शासन स्तर के आला अधिकारियों को भी दे दी गई है। पीसीएस एसोसिएशन की एक बैठक भी 3 बजे कलक्ट्रेट में होगी।

पीड़ित एसीएम ने 3 नामजद वकीलों पर दर्ज कराया केस

एसीएम थर्ड अनिल कुमार सिंह व कलक्ट्रेट कर्मचारियों में अमित की तरफ से कलक्ट्रेट के अधिकारियों ने 3 आरोपी वकीलों के खिलाफ और दर्जनभर अज्ञात वकीलों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करवाई है। साथ ही एसीएम और कर्मचारियों का मेडिकल भी कराया गया है। एसपी पश्चिम और कैसरबाग कोतवाल समेत मौके पर पुलिस के आला अधिकारी भी बाद में पहुंचे। मौके पर एसएसपी मंजिल सैनी और डीएम भी मौजूद रहे।

मीडिया कर्मियों को दौड़ाया

बताया जाता है कि वकीलों का आतंक यहीं तक नहीं थमा। मौके पर मीडियाकर्मी पहुंचे और फोटोग्राफी की कोशिश की तो उन्हें दौड़ा लिया गया। उनके साथ जमकर गाली-गलौज की और मारने की धमकी दी।

 

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