नई दिल्ली। एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोहन भागवत के उस बयान पर आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का मुसलमान दुनिया में सबसे संतुष्ट है। ओवैसी ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मोहन भागवत यह न बताएं कि हम कितने खुश हैं, जबकि उनकी विचारधारा मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनानी चाहती है।
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बता दें कि महाराष्ट्र की एक पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में मोहन भागवत ने कहा था कि सबसे ज्यादा भारत के ही मुस्लिम संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा था कि क्या दुनिया में एक भी उदाहरण ऐसा है, जहां किसी देश की जनता पर शासन करने वाला कोई विदेशी धर्म अब भी वजूद में हो। अपने ही सवाल का जवाब देते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि कहीं नहीं, केवल भारत में ही ऐसा है।
ओवैसी ने ट्वीट कर साधा निशाना
उनके इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने सख्त टिप्पणी की है। ओवैसी ने ट्वीट किया है, “खुशी का पैमाना क्या है? यही कि भागवत नाम का एक आदमी हमेशा हमें बताता रहा कि हमें बहुसंख्यकों के प्रति कितना आभारी होना चाहिए? हमारी खुशी का पैमाना यह है कि क्या संविधान के तहत हमारी मर्यादा का सम्मान किया जाता है या नहीं, अब हमें ये नहीं बताइए कि हम कितने खुश हैं, जबकि आपकी विचारधारा चाहती है कि मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक बनाया जाए।”
..to make Muslims second class citizens I don't want to hear you say that we've to be grateful to majority for living in our own homeland. We're not seeking majority's goodwill, we're not in a competition with world's Muslims to be the happiest We just want our fundamental rights
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 10, 2020
संघ प्रमुख भागवत ने अपने बयान में यह भी कहा था कि ऐसी कोई शर्त नहीं है कि भारत में रहने के लिए किसी को हिन्दुओं की श्रेष्ठता को स्वीकार करना ही होगा और संविधान भी ऐसा नहीं कहता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा, “मैं आपको ऐसा कहते हुए सुनना नहीं चाहता हूं कि हमें अपने ही होमलैंड में रहने के लिए बहुसंख्यकों के प्रति कृतज्ञता जतानी चाहिए। हमें बहुसंख्यकों की सह्रदयता नहीं चाहिए, हम दुनिया के मुसलमानों के साथ खुश रहने की प्रतिस्पर्द्धा में नहीं हैं, हम सिर्फ अपना मौलिक अधिकार चाहते हैं।”