जब उनसे यह पूछा गया कि तो क्या आप आरसीपी सिंह को नौकरी देंगे? इसके जवाब में अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि वे भाजपा का साथ छोड़ कर कांग्रेस में आएं। वे सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में बोल रहे थे जिसमें महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रवक्ता चरण सिंह सापरा सहित वरिष्ठ नेता चंद्रिका यादव, नागेन्द्र यादव, आनंद शंकर, ललन यादव, राजेश राठौर, ज्ञान रंजन आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर नेताओं ने ‘ भारत जमला पार्टी ‘ नाम से फोल्डर जारी कर केन्द्र सरकार की विफलता की पोल खोली। महागठबंधन के अंदर जेडीयू और आरजेडी के बाच चल रहे बयान वार पर अखिलेश सिंह ने कहा कि समाजवादी लोग इसी तरह से लड़ते रहते हैं और काम भी करते रहते हैं।

इससे न तो सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ेगा और न कांग्रेस की सेहत पर न महागठबंधन पर कोई असर पड़ रहा है। चरण सिंह सापरा ने जब कहा कि भाजपा की सरकार किसान विरोधी है। इस पर जब उनसे पूछा गया कि आपकी सरकार बिहार है और चौसा में किसानों की बर्बर पिटाई कैसे की गई? भास्कर के इस सवाल का जवाब अखिलेश प्रसाद सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि मैं भी एक किसान हूं और किसानों का दर्द समझता हूं। कांग्रेस ने चौसा में अपनी तीन सदस्यीय कमेटी भेजी थी। यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी और हम सरकार से मुआवजा की मांग करेंगे। राहुल गांधी की पदयात्रा बिहार से होकर नहीं गुजर रही इसलिए बिहार कांग्रेस खानापूरी के लिए बिहार में पदयात्रा कर रही है? इस सवाल पर अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि दक्षिण से उत्तर तक की यात्रा राहुल गांधी कर रहे हैं। पश्चिम से पूरब की यात्रा यानी गुजरात से अरुणाचल तक की यात्रा जब वे करेंगे तो बिहार भी कवर होगा। बिहार की यात्रा जब गया में समाप्त होगी इसमें राहुल गांधी आएंगे। चरण सिंह सापरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो अभियान को और अधिक व्यापक बनाने के लिए समूचे देश में 26 जनवरी से 26 मार्च तक एक जनसंवाद कार्यक्रम ‘ हाथ से हाथ जोड़ो ‘ अभियान चलाएगी। इसका नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां करेंगी। इस अभियान के तहत भारत के 6 लाख गांवों, ढ़ाई लाख ग्राम पंचायतों और 10 लाख मतदान बूथों तक पहुंचकर राहुल गांधी का संदेश और मोदी सरकार की नाकामियों की चार्जशीट हर घर तक पहुंचायी जाएगी।उन्होंने बढ़ती महंगाई, आत्महत्या, बेरोजगारी आदि को आंकड़ों के साथ सामने रखा। कहा कि जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी नहीं बचे हैं। इस सब पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर मोदी सरकार की विफलता भी गिनाई।
