अ.भा.मा.वै. महासभा के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता और संस्थापक हरस्वरूप गुप्ता ने राज महाजन को संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए किया सम्मानित
नई दिल्ली. 471वीं भामाशाह जयंती के सुअवसर पर राज महाजन कृत ‘भामा-गाथा’ को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में अखिल भारतीय माहौर वैश्य महासभा द्वारा विश्व-स्तर पर बड़ी धूम-धाम के साथ रिलीज़ कर दिया गया. इस अवसर पर पब्लिक से खचाखच भरे ऑडिटोरियम में अ.भा.मा.वै. महासभा के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता द्वारा राज महाजन को संगीत माध्यम से समाजहित में योगदान के लिए सम्मानित किया गया. राज महाजन के भाई गिरीश गुप्ता भी समारोह में हाज़िर रहे. प्रोडूसर-डायरेक्टर राज महाजन के भतीजे बॉडी-बिल्डर जोकि आयरलैंड में हुए मिस्टर वर्ल्ड के खिताब विजेता पारस गुप्ता को भी सम्मान दिया गया. इसके अलावा बीजेपी सांसद मिनाक्षी लेखी, प्रसिद्ध बीजेपी नेता श्याम जाजू और दिल्ली के कुछ निगम पार्षद भी उपलब्ध रहे.
भामा-गाथा म्यूजिक विडियो में महान दानी और देशभक्त भामाशाह के बारे में बताया गया है. जब महाराणा प्रताप सिंह हल्दीघाटी की लड़ाई मुगलों से हार जाने के पश्चात जंगलों में रहने लगे थे और घास की रोटी बनाकर खाने के लिए मजबूर थे. तब, पिता भारमल के पुत्र भामाशाह ने राष्ट्रहित के लिए महाराणा प्रताप को अपना सब-कुछ दान कर दिया. वो इतनी बड़ी धनराशी थी जो महाराणा प्रताप के सैनिकों के लिए 12 वर्ष पालन के लिए पर्याप्त थी. साथ ही, राष्ट्रभक्त भामाशाह ने अपने दो पुत्रों का भी बलिदान भी इस लड़ाई में दे दिया था. राष्ट्रभक्त भामाशाह ने महाराणा प्रताप के साथ मुघलों के खिलाफ युद्ध में पूरा साथ दिया. तत्पश्चात महाराणा ने युद्ध विजय करने के के बाद मेवाढ़ का बहुत बड़ा हिस्सा वापिस पाया.
‘भामा-गाथा’ का कांसेप्ट, डायरेक्शन, प्रोडक्शन, गीत और संगीत राज महाजन ने स्वयं किया है और गाया है गायक नितेश शर्मा ने. साथ ही इस गाने में एक्टिंग में हैं खुद राज महाजन. म्यूजिक कंपोजर राज महाजन इस विडियो में फिर एक बार नए लुक में नज़र आयेंगे.
निर्माता-निर्देशक राज महाजन ने बताया, “अधिकतर लोग महाराणा प्रताप सिंह और हल्दीघाटी के युद्ध के बारे में तो जानते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग यह जानते हैं कि महाराणा प्रताप के जीतने की वजह दानी भामाशाह थे, जिन्होंने देशहित की खातिर अपना सर्वस्व महाराणा को अर्पण कर दिया था और युद्ध में महाराणा प्रताप के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर साथ निभाया था. गीत-संगीत एक अच्छा माध्यम है सन्देश देने का. इसलिए मैं ‘भामा-गाथा’ के माध्यम से लोगों को भामाशाह जैसे राष्ट्रभक्त महापुरुष के त्याग के बारे में अवगत कराना चाहता हूँ.”