सरकार विरोधी प्रदर्शन करने के दोषी पाए गए 14 लोगों को मौत की सजा सुनाई

रियाद ,26 जुलाई   ।  सऊदी अरब की सर्वोच्च अदालत ने सरकार विरोधी प्रदर्शन करने के दोषी पाए गए 14 लोगों को मौत की सजा सुनाई है। सजा के तौर पर इन लोगों का सिर धड़ से अलग करने का आदेश दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ऐमनिस्टी इंटरनैशनल ने इस फैसले की आलोचना की है। जिन 14 लोगों के खिलाफ यह निर्णय दिया गया है, उनमें एक ऐसा युवक भी शामिल है जिसे पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना था। सुप्रीम कोर्ट ने मुजतबा अल सुवेकेत नाम के इस युवक के अलावा 13 अन्य लोगों को सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा है। इस मामले में सुवेकेत को जब गिरफ्तार किया गया था, तब वह केवल 17 साल का था। हिरासत में लिए जाने से पहले अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी में उसका दाखिला भी हो गया था। इन सभी पर 2011 से 2012 के बीच सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने का आरोप है। ये सभी प्रदर्शन अरब स्प्रिंग का हिस्सा थे। जुलाई 2016 में सऊदी की ही एक अदालत ने इन सभी आरोपियों को सत्ता के खिलाफ सशस्त्र आंदोलन शुरू करने का दोषी माना था। इनपर अव्यवस्था फैलाने और एक सुरक्षाकर्मी पर गोली चलाने का भी आरोप है। अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार अपनी मंजूरी दे देती है, तो इन सभी का सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा। ऐमनिस्टी इंटरनैशनल के मध्यपूर्वी एशिया समूह से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, इन सजाओं पर मुहर लगाकर सऊदी अरब ने एकबार फिर यह साबित किया है कि विरोध और राजनैतिक विरोधियों को दबाने के लिए वे मौत की सजा को हथियार बनाना जारी रखेंगे। अधिकारी ने आगे कहा, इन सभी 14 लोगों की मौत के बीच में फिलहाल केवल किंग सलमान के हस्ताक्षर भर की दूरी है। पक्षपातपूर्ण अदालती कार्रवाई के आधार पर अंतरराष्ट्रीय नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। किंग सलमान को चाहिए कि वह उनकी मौत की सजा पर निर्णायक मुहर न लगाएं।इससे पहले अमेरिकन फेडरेशन ऑफ टीचर्स  ने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से अपील की थी कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सुवेकेत को रिहा कराएं। ्रस्नञ्ज ने एक बयान जारी कर कहा, सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण अपने ही नागरिकों का सिर काट देने की सऊदी अरब की यह धमकी अंतरराष्ट्रीय कानूनों के साथ-साथ बुनियादी मानवता का भी सरासर उल्लंघन है। ्रस्नञ्ज ने आगे कहा, अगर ये हत्याएं होती हैं, तो दुनियाभर के देशों को चाहिए कि वे मिलकर सऊदी को सबसे निचले स्तर का राष्ट्र घोषित करें। हम राष्ट्रपति ट्रंप से अपील करते हैं कि वे इस अन्याय और अत्याचार को रोकने की हरसंभव कोशिश करें।

 

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