चीन को उसी की चाल से पराश्त करेगा भारत (ये है प्लान )

नई दिल्‍ली : भारत- चीन सीमा पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद केंद्र सरकार ऐसे उपायों पर ध्‍यान दे रही हैं जिनसे सीमा पर चीन की गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकें. इस बीच चीन लगातार भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहा है. कभी सरकारी मीडिया के माध्‍यम से तो कभी दूसरे माध्‍यम से चीन भारत को आगाह कर रहा है.

चीन अपनी सेना को भारतीय सीमा के नजदीक पहुंचाने के लिए लगातार सड़कों का निर्माण कर रहा है. भारतीय सेना की तरफ से चीन की इस हरकत का विरोध करने पर दोनों देशों की सेनाओं में पिछले करीब एक माह से टकराव बढ़ गया है. दोनों के बीच बढ़ते तनाव के बाद भारत ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और चीन को उसी के प्‍लान के अनुसार मात देने की तैयारी की है.

भारत सरकार ऐसी कई योजनाओं पर काम कर रही हैं, जिनसे चीन को रोका जा सकें. नई योजना के तरत भारत सरकार अब चीन से लगती हुई सीमा के आसपास 73 सड़कें बनाने की योजना पर काम कर रही है. पहले भारत की रणनीति थी कि सीमावर्ती इलाके वीरान होने से युद्ध जैसी स्थिति में चीन की सेना को भारतीय सीमा में घुसने में परेशानी होगी.

पिछले कुछ सालों से चीन भारतीय सीमा से नजदीकी इलाकों में सड़कें बना रहा है. अब भारत ने चीन को उसे के प्‍लान से मात देने की तैयारी के तहत सीमा पर सड़कें बनाने का फैसला किया है. ऐसा होने से सीमावर्ती इलाके में भारतीय सेना के आवागमन में आसानी होगी. इसके बाद युद्ध की हालात में सेना को दुश्‍मन की सेना से लड़ने में मदद मिलेगी.

गृह राज्‍यमंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चीन के सीमावर्ती इलाकों में रक्षा मंत्रालय के खर्च से 46 सड़कों का निर्माण कराया जाएगा. वहीं 27 सड़कों का निर्माण गृह मंत्रालय कराएगा. रिजिजू ने बताया कि सीमा पर 30 सड़कों का निर्माण लगभग पूरा भी हो चुका है.

हालांकि इन सभी सड़कों की निर्माण की योजना साल 2012-13 तक थी. निर्माण में देरी पर गृह राज्‍यमंत्री ने बताया कि ये इलाके काफी ऊंचाई पर हैं. साथ ही यहां पर घने जंगल और प्राकृतिक आपदाओं के कारण सड़क निर्माण में परेशानी हो रही है. जल्‍द ही इन सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज अमेरिका समेत दुनिया के कई ताकतवर देशों को अपने जोड़ने में लगे हुए हैं. इससे भारत चीन पर कूटनीतिक तरीके से दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है.

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