बेतहासा बढोतरी होने को निर्माण कार्य ठप बिल्डिंग मैटेरियल के दाम छू रहे आसमान

लखनऊ
मौरंग, बालू, गिट्टी के दामों में बेतहासा वृद्धि होने के कारण भवनों व साइट के निर्माण कार्य ठप है। ईट, भट्टे व मौरंग खदानो पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। आलम यह है कि मिस्त्री के साथ मजदूरो के समक्ष रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। व्यवसाय से जुड़े लोगो का कहना है कि अगर आगे भी यही स्थिति बनी रही तो भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
हाल ही में राजधानी के दर्जन भर से अधिक ईट भट्टो पर हुयी कार्यवाही और एनओसी न मिलने के कारण दर्जन भर से अधिक ईट भट्टे बंद हो गये है। इस वजह से ईट के दामो में बढ़ोत्तरी हुयी है। इसके अलावा दोगुना से अधिक राॅयल्टी जून महीने से लागू होने के बाद मकान बनवाना और भी महंगा हो गया है। यही नही व्यवसायियो के मुताबिक सीमेंट के दाम भी आसमान छू रहे है। सीमेंन्ट की प्रति बोरी में 5 रू तक के इजाफा होने के बात कही जा रही है। यही नही मौसम में हुये बदलाव के कारण बाजार में मौरंग और बालू के दाम भी बढ़ गये है। सीमेंट के दाम बढ़ने के मूल कारण के पीछे कंपनियो का घाटा है उसकी पूर्ति करने के लिए कंपनियों ने प्रोडक्सन में कमी कर दी है।
राजधानी के मौरंग और बालू के थोक कारोबारियो का कहना है कि बुलेंन्दखंड के बाॅदा, महोबा, चित्रकूट, उरई जलौन से आने वाली बालू, मौरंग और गिट्टी के दाम भी मौसम में हुये बदलाव और राॅयल्टी बढ़ने के कारण महंगी हो गयी है। इस वजह से राजधानी आने वाली प्रति ट्रक एक हजार से दो हजार तक ये और महंगा हो गया है। आम आदमी व मध्यम वर्ग के लोग के लिये एक कमरा का मकान भी बनाना आसान न होगा। बताते चले की जिला प्रषासन व खनन विभाग ने ईट, मौरंग, गिट्टी, मार्बल, मिट्टी, इमारती पत्थर सहित मकान बनाने की सामग्री पर राॅयल्टी दो गुना अधिक बढ़ा दी है। खास बात यह होगी कि मिट्टी व बालू की खुदाई के लिए लाईसेंस लेने वालो को भी बढ़ी हुयी दरो पर ही राॅयल्टी जमा करनी होगी। यही नही जनवरी में ही षासन ने राॅयल्टी बढ़ाने के आदेष भी जारी कर दिये थे। जिसे लागू करने की जानकारी भी बाजार में हो गयी थी। इसे पहले 19 जनवरी से लागू होना था लेकिन चुनावी प्रक्रिया के कारण बाद में जिला प्रषासन ने इसे फरवरी से लागू करने के आदेष जारी कर दिये थे। मार्बल की राॅयल्टी भी 165रू प्रति घटमीटर से बढ़ाकर 206 रू प्रति घनमीअर कर दी। यही वजह है कि बाजार में भी बालू और ईट के साथ स्टोन चिप्स गिट्टी भी महंगी हो गयी है।
ईट, मौरंग, गिट्टी, मार्बल, मिट्टी, इमारती पत्थर आदि पर राॅयल्टी बढ़ाने के आदेष षासन ने जनवरी में ही कर दिये थे लेकिन पिछले महीनों में चुनाव के कारण राजधानी में कुछ निर्माण सामग्रियो में राॅयल्टी लागू नही हो पाई थी।
राॅयल्टी लागू होने के चलते दामो में हुयी बढ़ोत्तरी में फर्क
महीनो पहले हुये चुनाव के बाद राॅयल्टी से निर्माण मैटेरियल में हुयी बढ़ोत्तरी के कारण सभी निर्माण कार्य ठप है। पूर्व सपा सरकार में जो मौरंग 60 से 65 रू प्रति फुट में थी वहीं आज भाजपा सरकार में 150 से 155 रू फुट चल रहा है। जो बालू 30 से 32 रू फुट थी वह आज 50 से 55 रू फुट है, जो सरिया 35रू किलो थी वह आज 40 से 42रू किलो है, सीमेंट 295 बोरी, गिट्टी 60 से 65 फुट और ड्स्ट 85रू फुट है। खास बात यह है कि अपार्टमेन्ट व फ्लैट आदि के क्षेत्रो में इस समय काफी मंदी चल रही है। सैकड़ो बिल्डर के फ्लैट से लेकर अपार्टमेंन्ट की योजनाएं चल रही है। लेकिन लोग न तो बुकिंग करा रहे है और न खरीद रहे है। इस समय लाखो की संख्या में फ्लेट से लेकर अपार्टमेन्ट खाली पड़े है इसके बावजूद राॅयल्टी बढ़ने के साथ ही राजधानी के बिल्डरो ने भी अपार्टमेन्ट से लेकर मकान आदि महंगे कर दिये है।

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