करोड़ो की विवादित जमीन पर राजस्वकर्मी ने किया अवैध कब्जा

बाराबंकी  |   थाना सतरिख अन्तर्गत जिले के एक राजस्वकर्मी ने अधिकारियों से साठगांठ करके करोड़ो रुपये की कीमती विवादित जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया। एक तरफ जहां उक्त जमीन का विवाद न्यायालय चकबंदी में विचाराधीन चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ पीड़ितजनों ने प्रदेश  के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है और न्याय न मिलने पर सभी लोगों ने विधानसभा के सामने आत्मदाह की भी चेतावनी दी है। जबकि उच्चाधिकारी इस मामले में लीपापोती करने में जुटे हुए हैं। जानकारी के अनुसार, थाना सतरिख क्षेत्र के ग्राम बीजेमऊ निवासी शिवशंकर सिंह पुत्र रामशरण के गांव में ही पुस्तैनी जमीन गाटा संख्या 529 रकबा 0.445 जो पुरानी बाग के रुप में अंकित था। दशकों पुराना उक्त जमीन शिवशंकर आदि लोगों के कब्जे में चली आ रही थी। लेकिन जब उक्त गांव की चकबंदी हुई तो चकबंदी के दौरान उक्त गाटा का नया नम्बर 360/0.379 व 359/0.126 आ गया था। लेकिन जब वर्ष 2002 में एक बार पुनः चकबंदी शुरु हुई तो उसमें फिर से उसी जमीन का नया नम्बर 613/0.07 हे0 बना दिया गया। तथा पूर्व के 529 को ही वर्तमान में ही 612/178/613/0.7 दौरान चकबंदी हो गया। क्योंकि उक्त बाग सैकड़ो वर्षों से शिवशंकर सिंह के पूर्वजों के कब्जे में चली आ रही थी। लेकिन चकबंदी अधिकारियों ने बिना बिक्रय पत्र बिना दान पत्र तथा बिना अधिग्रहण किये हुए उक्त जमीन पर जालसाजी शुरु हो गयी। जब इस बात की जानकारी शिवषंकर सिंह को हुई तो उसने न्यायलय बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी प्रथम बाराबंकी में अपील संख्या 369/885 की गयी। जिसमें 31 मई 2017 को न्यायालय द्वारा यह आदेष पारित किया गया कि पूर्व आदेष 12.6.2017 को खण्डित करते हुए सुनवाई हेतु पत्रावली चकबंदी अधिकारी सदर के न्यायालय पर आदेषित किया गया। उक्त जमीन पर सतरिख थाना क्षेत्र के ग्राम लखैचा निवासी लेखपाल साकेत रावत की नजर लग गयी थी। उन्होने करोड़ो रुपये की कीमती जमीन पर अपना जाल फैलाना शुरु किया और चकबंदी प्रक्रिया के दौरान ही उन्होने उक्त जमीन को अपनी माता के नाम बैनामा 2005 ही करवा लिया। लेकिन बैनामा के बाद से आज तक उक्त जमीन पर गरीब शिवशंकर सिंह का ही कब्जा चला आ रहा था। ऐसा नही है कि पीड़ित लोगों ने इस गोरख धंधे की शिकायत उच्चाधिकारियों से न की हो। लेकिन तहसील नवाबगंज के अधिकारियों ने इस गरीबजनों के शिकायती पत्रों पर कोई ध्यान नही दिया। तीन दिन पूर्व राजस्वकर्मी साकेत रावत अपने साथ में तहसील के उच्चाधिकारियों को साथ में ले जाकर जबरदस्ती विवादित जमीन पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया। सबसे गौरतलब बात यह है कि जब गाटा संख्या 529 रोड साइड जमीन थी तो आखिर वह वहां से कैसे हट गयी। पीड़ित षिवषंकर आदि लोगों ने प्रदेष के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर एक चेतावनी दी है कि अगर दो सप्ताह के अन्दर पीड़ित को न्याय नही मिला तो पीड़ित पूरे परिवार सहित विधानसभा लखनऊ के सामने आत्मदाह करने को मजबूर हो जायेगा। इस सम्बन्ध में जब आरोपी लेखपाल साकेत रावत से जानकारी की गयी तो उनका कहना था कि मैने नियम कायदे कानून के तहत ही काम किया है। उक्त जमीन मेरे नाम थी इसलिये उस पर अपना हक जताया है। वहीं उपजिलाधिकारी नवाबगंज का कहना था कि मुझे इस प्रकरण की जानकारी नही है। अगर मेरे पास पीड़ित परिवार आया तो जांच करवाकर कार्यवाही की जायेगी। कुल मिलाकर तहसील नवाबगंज में राजस्व अधिकारियों से लेकर राजस्वकर्मियों तक भूमाफियाओं से साठ गांठ करके गरीब किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करने में लगे हुए हैं। जब योगीराज में यह हाल है तो आगे गरीब किसान कैसे जियेगा। यह तो समय ही बतायेगा।

 

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