नई दिल्ली:कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कई नए नियमों में बदलाव देखने को मिलेंगे।सरकार ने अब डिजिटल तरीके से ईपीएफओ की नई व्यवस्था का फायदा पीएफ खाताधारकों को मिलने वाला है।
क्या है पूरा मामला
EPFO के तहत आने वाले कर्मचारियों की बीमा राशि 7 लाख रुपये तक कर दी गई है. दरअसल, इम्पलॉई डिपॉज़िट लिंक्ड इंश्योरेंस योजना (EDLI) एक बीमा योजना है जिसकी सुविधा EPFO कर्मचारी को दी जाती है. EPFO के एक एक्टिव कर्मचारी की अगर सेवा अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी को 6 लाख रुपये तक का एकमुश्त भुगतान किया जाता है।
ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों की शिकायतों के त्वरित समाधान को लेकर व्हाट्सऐप हेल्पलाइन सेवा शुरू की है. इस पहल के माध्यम से पीएफ अंशधारक व्यक्तिगत स्तर पर ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ सीधे बातचीत कर सकते हैं. अब ईपीएफओ के सभी 138 क्षेत्रीय कार्यालयों में व्हाट्सऐप हेल्पलाइन सेवाएं शुरू हो चुकी हैं. सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है.
यह भी पढ़ें:झाड़फूंक ने ली संगी तीन बहनों की जान,सांप काटने से हुई मौत
ईपीएफओ ने ईपीएस सदस्यों को कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अंतर्गत योजना के प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने में सक्षम बना दिया है. योजना का प्रमाण पत्र ऐसे सदस्यों को जारी किया जाता है, जो अपना ईपीएफ अंशदान निकाल लेते हैं लेकिन सेवानिवृत्ति की उम्र पर पेंशन लाभ लेने के लिए ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता बरकरार रखना चाहते हैं.
एक सदस्य सिर्फ तभी पेंशन का पात्र होता है, जब वह कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 का कम से कम 10 साल तक सदस्य रहता है. नई नौकरी से जुड़ने के बाद योजना प्रमाण पत्र सुनिश्चित करता है कि पिछली पेंशन योग्य सेवा को नए नियोक्ता के साथ प्रदान की गई पेंशन योग्य सेवा के साथ जोड़ दिया जाए, जिससे पेंशन लाभ बढ़ जाता है.