लखनऊ . श्यामा प्रसाद मुखर्जी हास्पिटल में अचानक चीखने चिल्लाने की आवाज़ आने लगी ये चीखे किसी और की नहीं रामा देवी की थी जो अपने पति का इलाज करवाने अस्पताल आई थी|पति पट्टू डॉ के कमरे में अपने नम्बर का इंतजार कर रहा था जब तक पट्टू का नम्बर आया तब तक उसकी तबियत और बिगड़ चुकी थी| जब डॉ दीपक कुमार ने उनके आला लगा के देखा तो उनकी धडकन बंद होने लगी |

तभी डॉ दीपक कुमार के दिमाग में आया की मरीज की स्थिति बहुत नाजुक है |और डॉ ने आनन् फानन में मरीज को ज़मीन में लेटाकर तेज तेज से सीने को दबाना शुरू कर दिया इसे देख आस पास खड़े लोग मनो तमाशा देख रहे हो|तभी डॉ दीपक कुमार ने आवाज़ लगाई स्टेचर मगर किसीने नहीं सुना मानवता की सारी हदे तब पार हो गई| जब डॉ ने खुद भाग के स्टेचरको उठाया और मरीज को I C U की ओर लेकर भागे मानों ऐसा लग रहा था की खुद भगवान का कोई फ़रिश्ता उस मरीज पट्टू के लिए उतर आया हो|I C U में जैसे की उस मरीज को डॉ राजेश ने देखा फिर उन्होंने धडकने वापस लाने के लिए सारे हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए और आखिर में उस गरीब पट्टू की धडकने वापस ले आये|
मरीज़ पट्टू की पत्नी ने रोते हुए कहा की मेरा इनके सिवा इस दुनिया में कोई भी नहीं है अगर आज इनको कुछ हो जाता तो मेरा और मेरी दो लडकियों का क्या होता|डॉ साहब ने मेरे पति को नई जिन्दगी दी भगवान इनको हमेशा खुश रखे|
डॉ राजेश ने पपूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया की मरीज इटोंजा के पास का रहने वाला है हालत काफी नाज़ुक हो गई थी मगर डॉ दीपक ने जरा सी भी देर ना करते हुए मरीज़ को I C U में ले आये जिससे की मरीज़ को बचाया जा सका अब सब कुछ नार्मल की स्थिति में है |