उत्तर प्रदेश -इलाहाबाद. यूपी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए वक्फ बोर्ड के हटाए गए सभी छह सदस्यों को बहाल कर दिया है. गौरतलब है कि शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में सम्पत्ति को लेकर अनियमितता व घोटाले की आशंका के मद्देनजर यूपी सरकार ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी और बोर्ड के 10 सदस्यों में से छह सदस्यों को हटा दिया था. प्रदेश के वक्फ राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने शिया और सुन्नी बोर्ड को लेकर वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया की अलग-अलग तैयार रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी थी. इस मामले में सपा सरकार में वक्फ मंत्री रहे आजम खान का नाम भी सामने आया था.
जस्टिस रंजन रॉय और जस्टिस एसएन अग्निहोत्री की वकेशन बेंच ने कहा कि हटाए गए सदस्यों को पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया, जोकि वक्फ ऐक्ट 1995 के तहत अनिवार्य है. हालांकि सरकार को कोर्ट ने यह छूट दी है कि वह कानून के मुताबिक नए सिरे से कार्रवाई कर सकती है.
बता दें कि योगी सरकार ने वफ्फ़ बोर्ड के जिन सदस्यों को हटाया था उनमें कौशांबी निवासी पूर्व राज्यसभा सदस्य अख्तर हसन रिजवी, मुरादाबाद के सैयद वली हैदर, मुजफ्फरनगर की अफशां जैदी, बरेली के सैयद आजिम हुसैन जैदी, शासन में विशेष सचिव नजमुल हसन रिजवी तथा आलिमा जैदी शामिल थे. इन्हीं में से आलिमा जैदी ने सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद कोर्ट ने हटाए गए सदस्यों को बहाल कर दिया है.
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