नई दिल्ली. गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर इंडियन एयरफोर्स अपना 84th फाउंडेशन डे मना रही है। पहली बार एयर शो में भारत में बने तेजस फाइटर जेट की ताकत देखने को मिली। परेड की शुरुआत में 12 पैराजंपर्स ने आठ हजार फीट की ऊंचाई से ग्राउंड पर छलांग लगाई। सचिन तेंदुलकर, एयरफोर्स चीफ अरूप राहा के अलावा आर्मी और नेवी चीफ भी मौजूद रहे। पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन की पोस्ट पर हैं। पहले भी वह परेड में नजर आते रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने ट्वीट पर बधाई दी है।
83 साल पुराने टाइगर मोथ ने भरी उड़ान…
– फ्लाई पास्ट में सुखोई, मिराज, जगुआर, मिग-21 के साथ तेजस फाइटर जेट ने पहली बार हिस्सा लिया।
– 83 से ज्यादा साल पुराने विंटेज एयरक्राफ्ट टाइगर मोथ ने भी उड़ान भरकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
– ध्रुव हेलिकॉप्टर्स की सारंग टीम ने आसमान में एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज करतब दिखाए।
– सूर्या किरण एरोबैटिक टीम (SKAT), तीन Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर्स और तीन हरक्यूलस C-130J भी फ्लाई पास्ट में शामिल हुए।
– इसके पहले जवानों की परेड और अनुशासन देखकर वहां मौजूद हर कोई सैल्यूट करने को मजबूर हो गया।
– एयरफोर्स चीफ ने सैनिकों को अवॉर्ड दिए, एयर वॉरियर ड्रिल टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन से लोगों का दिल जीत लिया।
– एयरफोर्स चीफ ने कहा, ”36 रॉफेल विमान मिलने के बाद एयरफोर्स की ताकत में बढ़ोतरी होगी। हमारी सेना हर चुनौती के लिए तैयार है।”
– बता दें कि IAF की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 में हुई थी। प्रोफेशनल स्टैंडर्ड के साथ यह दुनिया की बेहतर एयरफोर्स है।
तेजस 3 महीने पहले एयरफोर्स में हुआ शामिल
– इसी साल 1 जुलाई को एयरफोर्स में 2 तेजस एयरक्राफ्ट को शामिल किया गया था।
– तेजस के पहले स्क्वाड्रन को 2 साल तक बेंगलुरु में रखा जाएगा। फिर इसे तमिलनाडु के सेलूर शिफ्ट किया जाएगा।
– तेजस के विंग्स 8.20 मीटर चौड़े हैं। इसकी लंबाई 13.20 मीटर और ऊंचाई 4.40 मीटर है। वजन 6560 किलोग्राम है।
– तेजस के पहले स्क्वाड्रन को 2 साल तक बेंगलुरु में रखा जाएगा। फिर इसे तमिलनाडु के सेलूर शिफ्ट किया जाएगा।
– तेजस के विंग्स 8.20 मीटर चौड़े हैं। इसकी लंबाई 13.20 मीटर और ऊंचाई 4.40 मीटर है। वजन 6560 किलोग्राम है।
तेजस ने 15 साल पहले भरी थी पहली उड़ान
– तेजस यानी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) को मैनेज करने के लिए 1984 में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एलडीए) बनाई गई थी।
– तेजस ने 15 साल पहले 4 जनवरी 2001 को पहली उड़ान भरी थी।
– तब से वायु सेना में शामिल होने तक यह कुल 3184 बार उड़ान भर चुका है। तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
हमले के समय दुश्मन को भनक भी नहीं लगेगी
– फाइटर एयरक्राफ्ट की अहम ताकत है कि उसमें राडार क्रॉस सेक्शन यानी आरसीएस कम से कम होना चाहिए। यानी यह राडार की पकड़ में नहीं आना चाहिए।
– तेजस इस कसौटी पर खरा उतरता है। इसके हर वैरिएंट में यह फीचर दिया गया है।
– यानी, तेजस अगर हमला करने को तैयार होगा तो दुश्मन को इसकी भनक तक नहीं लग पाएगी।
– तेजस यानी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) को मैनेज करने के लिए 1984 में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एलडीए) बनाई गई थी।
– तेजस ने 15 साल पहले 4 जनवरी 2001 को पहली उड़ान भरी थी।
– तब से वायु सेना में शामिल होने तक यह कुल 3184 बार उड़ान भर चुका है। तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
हमले के समय दुश्मन को भनक भी नहीं लगेगी
– फाइटर एयरक्राफ्ट की अहम ताकत है कि उसमें राडार क्रॉस सेक्शन यानी आरसीएस कम से कम होना चाहिए। यानी यह राडार की पकड़ में नहीं आना चाहिए।
– तेजस इस कसौटी पर खरा उतरता है। इसके हर वैरिएंट में यह फीचर दिया गया है।
– यानी, तेजस अगर हमला करने को तैयार होगा तो दुश्मन को इसकी भनक तक नहीं लग पाएगी।
कितनी मजबूत है हमारी एयरफोर्स
एयरक्राफ्ट- 1,905
फाइटर्स/इंटरसेप्टर्स- 629
फिक्स विंग अटैक एयरक्राफ्ट- 761
ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट- 667
ट्रेनर एयरक्राफ्ट- 263
हेलिकॉप्टर- 584
अटैक हेलिकॉप्टर- 20
फिक्स विंग अटैक एयरक्राफ्ट- 761
ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट- 667
ट्रेनर एयरक्राफ्ट- 263
हेलिकॉप्टर- 584
अटैक हेलिकॉप्टर- 20