किसानो के प्रदर्शन का लहर पहुंचा यूपी

लखनऊ 19 जून  मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद  किसानो के प्रदर्शन की लहर अब यूपी पहुँच चुकी है |
किसानों की समस्याओं को लेकर रालोद पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे उत्तर प्रदेष में धरना प्रदर्षन किया जा रहा है। साथ किसानो की समस्याओं को जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को सम्बोधित ज्ञापन देकर बताया गया। राजधानी में गांधी प्रतिमा के बाहर किसान की मांगो को लेकर प्रदर्षन किया गया।
रालोद नेताओं ने ज्ञापन में निम्नलिखित मांग की :
  • मृतक किसानों के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाये जाने हेतु प्रदेष सरकारों को निर्देषित करने की कृपा करें
  • स्वामी नाथन आयोग की सिफारिषे लागू करके किसानों को फसल का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिलाना सुनिष्चित किया जाये
  • किसानों द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद तथा खाद और बीज से सम्बन्धित सभी कर्जों को माफ किया जाय
  • फर्टीलाइजर्स पर जी0एस0टी0 काउन्सिल द्वारा 12 प्रतिषत जी0एस0टी0 रेट निर्धारित किया गया है जिसके फलस्वरूप यूरिया एवं डी0ए0पी0 का मूल्य क्रमषः 300 से 400 और 3000 रू/टन बढ़ जायेगा अतः फर्टीलाइजर्स को करममुक्त किया जाय
  • ट्रेक्टर की खरीद पर जी0एस0टी0 14 प्रतिषत से बढ़ाकर 28 प्रतिषत की गयी है जो किसानों के लिए कमर तोड़ने जैसी होगी अतः ट्रेक्टर भी कर मुक्त किया जाय तथा देष के किसानों को गन्ने के बकाया मूल्य का ब्याज प्रदेष सरकारों द्वारा दिलाया जाय
  • गन्ने की फसल का मूल्य 14 दिन के अन्दर निष्चित रूप से भुगतान दिलाया जाय।
धरने को सम्बोधित करते हुये प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि हमारे देष में किसानों की दषा दिनों दिन बदतर होती जा रही है। मध्य प्रदेष के मंदसौर में अपनी फसलों का उचित मूल्य व कर्जमाफी की मांग रहे निर्दोष किसानों पर मध्य प्रदेष पुलिस द्वारा की गयी भीषण गोली बारी से हुयी 6 किसानों की हत्या तथा महाराष्ट्र मंें किसान आन्दोलन के दौरान 7 किसानों द्वारा सरकार की उदासीनता के कारण आत्महत्या किया जाना भाजपा सरकार के किसान विरोधी रवैये को उजागर करने वाला है। उ0प्र0 का किसान भी देष के प्रधानमंत्री द्वारा किये गये कर्जमाफी के वादे के अनुसार छला गया है।
असंतोष और आक्रोष के फलस्वरूप 14 जून को उ0प्र0 के जनपद कानपुर के सचेडी मंे किसान षिवकुमार ने मात्र 1 लाख के कर्जे में डूबकर तथा जनपद कौषाम्बी के चकबख्तियारा गाँव निवासी रामबाबू द्विवेदी ने लगभग 5 लाख के कर्जे में डूबकर आत्महत्या कर ली। इसी दिन मध्य प्रदेष में भी बालाघाट थार्नागत बल्लारपुर निवासी किसान रमेष बसेने तथा बडवानी फलिया के किसान सोमला ने आत्महत्या कर ली। भाजपा सरकार की उदासीनता के चलते किसानों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

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