यूपी विधानसभा पहुंची एनआईए की 12 सदस्यीय टीम पूछताछ शुरू

लखनऊ। यूपी की विधानसभा में पिछली 12 जुलाई को नेता प्रतिपक्ष की सीट पर मिले 150 ग्राम पीईटीएन (PETN) विस्फोटक के मामले में शुक्रवार सुबह एनआईए की 12 सदस्यीय टीम विधानसभा जांच करने पहुंची। एनआईए की टीम ने सदन के अंदर उस जगह का निरीक्षण किया जहां खतरनाक विस्फोटक पदार्थ मिला था। एनआईए की टीम ने सचिवालय सुरक्षाकर्मियों और मार्शल्स से भी पूछताछ की। काफी देर तक चली पूछताछ के बाद एनआईए की टीम ने सबूत इकट्ठे किये।

क्या है पूरा मामला

यूपी की राजधानी लखनऊ में विधानसभा बजट सत्र 1017 के सदन के दौरान नेता विपक्ष की कुर्सी के निकट 12 जुलाई को एक तीब्र गति का बेहद शक्तिशाली विस्फोटक मिलने से हड़कंप मच गया था। विस्फोटक मिलने से विधानसभा सुरक्षा बलों के हाथपांव फूल गए। सुरक्षा अधिकारियों ने फौरन डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम बुलाई। फॉरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम ने Pentaerythritol tetranitrate पीईटीएन (PETN) (पेंटेरीथ्रिटोल टेट्रानेरेट्रेट) होने की पुष्टि की। एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, ये विस्फोटक आतंकवादियों के पास मिलता है और इसे रिमोट के जरिये भी ऑपरेट किया जा सकता है। हालांकि ये विस्फोटक विधान सभा के अंदर कैसे पहुंचा यह बहुत बड़ा सवाल है। विपक्षियों ने इसमें किसी नेता या उसके समर्थक का हाथ होने का आरोप लगाया है। फिलहाल इस पूरे मामले की गहनता से सुरक्षा बल और एजेंसी जांच कर रहे हैं।

क्या है पीईटीएन PETN विस्फोटक!

विधानसभा सत्र के दौरान 30 साल के इतिहास में यह पहला मामला है जब विधान सभा के अंदर यह

बेहद खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन (PETN) मिला है। ये विस्फोटक नीले रंग की पॉलीथिन में रखा था। हालांकि ये पीईटीएन है क्या इसके बारे में हम आप को विस्तार से बताते हैं। फिलहाल इस एक बेहद संगीन मामले की एनआईए से जांच कराने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बात कही है वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (आईबी) ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।

गंधहीन सफेद पाउडर है पीईटीएन

बता दें कि पीईटीएन (PETN) एक गंधहीन सफेद पाउडर है। जिसे डिटेक्ट करना आसान नहीं होता है। यहां तक की डॉग स्क्वॉड (खोजी कुत्ते) भी इसकी पहचान नहीं कर पाते। मेटल डिटेक्टर भी इस विस्फोटक को डिटेक्ट नहीं कर सकता। इस विस्फोटक का पूरा नाम पेंटाईरीथ्रीटोल ट्राईनाइट्रेट है। जिसकी छोटी सी मात्रा भी खतरनाक होती है। विशेषज्ञों की माने तो इसकी 100 ग्राम मात्रा ही एक कार को उड़ाने के लिए काफी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा उपकरणों में पकड़ में ना आने की वजह से PETN आतंकवादियों की पसंद है।

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